आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

शुक्रवार, 12 मार्च 2010

जरा सोचिये मैं कृषि मंत्री हूँ !

मैं एक कृषि मंत्री हूँ । मेरा काम देश में कृषि का विकाश और देश के लोगों के खाद्य जरूरतों के लिए ऐसे पुख्ता और कारगर उपाय करना है जिससे आम लोगों को दो वक्त की रोटी आसानी से उपलब्ध हो ,लेकिन मैं आज ऐसे नीती बना रहा हूँ जिससे आम लोगों के बजाय मेरे चीनी मिल मालिक दोस्तों को ,जमाखोरी करने वाले माफिया और हमारे पार्टी को चंदा देने वालों साहूकारों को २०० प्रतिसत तक मुनाफा बरी आसानी से हो रहा है ।बिरोधी दल वाले विदेशों में बैठे मेरे रिश्तेदारों जिससे मैं दलाली लेकर अनाज और चीनी आयात कर रहा हूँ के बारे में अच्छी तरह जानते हैं और शोर भी मचाते हैं लेकिन मेरे खिलाफ पुख्ता सबूत होने के बाबजूद न तो कोई बिरोधी दल का नेता और न ही कोई आम नागरिक मेरे खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा रहा है। मेरे तो मौजा ही मौजा है । मैं मंत्री हूँ ।मैं तो उस दिन डरूँगा जिस दिन मेरे खिलाफ पूरे देश में ऍफ़ आई आर दर्ज होगा और कानून मेरी सच्ची जाँच कर मुझे फाँसी की सजा सुनाएगा आज तो मैं देश मे भूखमरी पैदा कर लोगों को डरा रहा हूँ ।

गुरुवार, 11 मार्च 2010

आपका वेब बन गया है ।

डब्लू डब्लू डब्लू. एच पी आर डी इंडिया.ओ आर जी पे जाकर जुरिये और अच्छे ,सच्चे ,इमानदार ,सूचना के अधिकार के लिए और देश और समाज के भले के लिए लडाई लड़ रहे लोगों को देश भर में मजबूत बनाइये ।