आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

रविवार, 15 मई 2011

आज गणतंत्र,इंसानियत तथा समूचे देश व समाज को बचाने के लिय हर नागरिक को धारण करना होगा नरसिंह अवतार....

उच्च संवेधानिक पदों पे शर्मनाक बेशर्म भ्रष्टाचारियों के बैठे होने से तथा पूरे देश में  इनके कुकर्मी पार्टनर उद्योगपतियों के लूट और अराजकता से इस देश की स्थिति ऐसी हो गयी है जहाँ सत्य बोलना,न्याय की आशा रखना व ईमानदारी से कर्म करना प्रहलाद की भक्ति की तरह हो गया है जिसे हर सत्य के लिए दंड दिया जाता था और जिसके दुखों का अंत भगवान श्री हरी विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर हिरन्यकश्यप का वध कर किया था | 




आज इस देश की हालत ये है की असत्य,अन्याय,शर्मनाक भ्रष्टाचार,कुकर्म,हरामखोरी
,बेईमानी ,लूट,धोखेबाजी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेल में डाल दिया जाता है,हर जगह अपमानित व प्रतारित किया जाता है,जो लोग भ्रष्टाचार,अन्याय,कुकर्म को चुपचाप सह लेते हैं वो मुर्दों की तरह जिन्दा हैं और जो लोग शर्मनाक भ्रष्टाचार,कुकर्म,लूट,देश व समाज के साथ गद्दारी,पैसों व उद्योगपतियों की दलाली ,वेश्यावृति व महिलाओं के योन शोषण के व्यापार के वदौलत चुनाव जीतते हैं वो मंत्री,प्रधानमंत्री के पद पर बैठकर ऐश कर रहें हैं....सर्वोच्च न्यायालय के  ज्यादातर न्यायाधीशों पर भी शर्मनाक भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है तथा न्याय व सत्य को बेचकर अरबपति बनने का प्रमाण है...
 
 
 
आज जो व्यक्ति मायावती,मनमोहन सिंह,सोनिया गाँधी,राहुल गाँधी,शरद पवार,प्रणव मुखर्जी जैसों बेईमानो की हत्या करने की नहीं सोचता वो मन ही मन दलित विरोधी ,सवर्ण विरोधी,गरीब विरोधी,समाज विरोधी,देश का गद्दार तथा इंसानियत का दुश्मन मानता है अपने आपको ....क्योकि इन कुकर्मियों का जिन्दा रहना पूरी इंसानियत के लिए ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि खतरनाक भी है....आज बेईमानों की जय नहीं बल्कि इन साले असंतुलित बेईमानो व धनपशुओं का सर धर से अलग कर देने की जरूरत है और ऐसा करने की शपथ अब इस देश की जनता को लेना ही होगा...कुकर्मियों,गद्दारों व लूटेरों से देश व समाज को बचाना ही धर्मसंगत और एक सच्चे इंसान का कर्तव्य है. जिसकी व्याख्या संविधान में भी है और कानून भी इसकी इजाजत देता है की जब कुकर्मी और भ्रष्टाचारी से अपनी रक्षा करने का कोई उपाय ना हो तो उसकी हत्या करना कानून संगत है ..जब भ्रष्ट जजों पे दवाब होगा तबजाकर सत्य व न्याय की असल परिभाषा लिखी जाएगी अभी तो सत्य व न्याय को भ्रष्ट अरबपति वकीलों व जजों के गठजोड़ से बेचा व ख़रीदा जाता है बस ,यही कारण है की 64 वर्षों के आजाद भारत में एक भी भ्रष्ट मंत्री,सांसद ,विधायक ,जज या अधिकारी को आजीवन कारावास या फांसी की ना तो सजा हुयी है और ना ही इनके काले धन को जप्त कर देश के जरूरत मंदों में बांटा गया है...अब हमें अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने भेजने के वजाय इन भ्रष्ट और कुकर्मी नेताओं की तस्वीर दिखाकर यह बताना और सिखाना होगा की ये सब साले पूरी मानवता के दुश्मन हैं और इनको और इनके खानदान को किसी तरह ख़त्म करना ही तुम्हारे जीवन का लक्ष्य है....वैसे भी इन साले भ्रष्टाचारियों और इनके कुकर्मी उद्योगपतियों ने अब स्कूलों को भी वेश्यालय व ऐय्यासी का अड्डा बना दिया है जहाँ चारित्रिक शिक्षा का तो नामों निशान ही नहीं बल्कि ज्यादातर स्कूल दुकान बन चुके हैं...शिक्षा की निति को इन लोगों ने ऐसा बर्बाद किया है की छात्र पढने के लिए चोरी,पॉकेटमारी व होटलों में काम करने को मजबूर हैं तो छात्रायें  देह बेचने को मजबूर हैं और शिक्षक भडुओं का रोल निभा रहें हैं अपनी नौकरी बचाने तथा पेट पालने के लिए...



निश्चय ही हमारे इस विचार को कुछ लोग हिंसात्मक तथा उग्र विचारों वाला कह सकते हैं लेकिन उनसे मेरी प्रार्थना है की वो अपने आस-पास के किसी सरकारी कार्यालय,अदालत,जिलापदाधिकारी के कार्यालय में जाकर लोगों को अपने अधिकारों के लिए रोज मरते हुए देखें तथा देश में बेतहासा महंगाई व शरद पवार तथा मुकेश अम्बानी जैसों के दौलत में बेतहासा वृद्धि की विवेचना करें जिससे रोज ना जाने कितने लोग मौत को गले लगाते हैं जिसे हमारे देश की पूंजीपतियों की दुकान बन चुकी मिडिया उजागर भी नहीं करती के बारे में एक बार जरूर सोचें...

हालाँकि मैं ऐसे मुद्दों को तथा सत्य,न्याय व ईमानदारी के रास्ते पे चलने वालों को हर हाल में सुरक्षा,सहायता तथा सहयोग के लिए एक IAC-Blog media investigation and social audit wing नाम से एक केंद्र की स्थापना के लिए कई ब्लोगरों के साथ आर्थिक सहयोग तथा इसकी कार्यप्रणाली के संचालन के मुद्दों पर विचार विमर्श कर रहा हूँ ..जिससे ताकतवर कुकर्मियों से सच्चे इंसान की यथा संभव सुरक्षा की जाय | आज हर इंसान के अन्दर असुरों के संघार की शक्ति का सदुपयोग कर भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा अधिकारियों के आसुरी गतिविधयों से सख्ती से निपटने की जरूरत है दूसरा कोई उपाय नहीं है इस देश व समाज में शक्ति के संतुलन की तथा खुद को सुरक्षित करने की ... 

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

जन लोकपाल यानि प्रधानमंत्री के पद पर बैठे भ्रष्टाचारी की भी जाँच करने वाला शक्तिशाली पदाधिकारी ....

सरकारी लोकपाल धोखा है,इस देश पे वो ही राज करेगा जो जन लोकपाल बिल पास करेगा जैसे नारों से पिछले तीन महीनों से दिल्ली गूंजती रही और आख़िरकार 5 अप्रेल 2011 से शुरू हुआ अन्ना हजारे जी का अनसन 9 अप्रेल को जन लोकपाल के लिए संयुक्त समिति बनाने का सरकारी नोटीफिकेसन मिलने तथा अन्ना के अनसन की समाप्ति के साथ इन नारों पे लगाम लगकर इस देश में एक स्वतंत्र जाँच एजेंसी के निर्माण की शुरुआत हो गयी जिसका मुखिया जन लोकपाल कहलायेगा | आज हर वो इंसान गर्व महसूस कर रहा है जो इस पूरे अभियान का हिस्सा रहा क्योकि उसे एक ऐसा मंच मिलने वाला है जिसपर वह अपने सांसद,विधायक,मंत्री,जिला पधाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के भ्रष्टाचार की शिकायत कर पायेगा नियत समय में जाँच पूरी कर कार्यवाही की आशा के साथ | निश्चय ही ये इस देश में सड़ चुकी निगरानी व कार्यवाही की व्यवस्था को जिन्दा करेगा और असल आजाद प्रजातंत्र को मजबूत करेगा |

आपलोग भी देखिये इस मुहीम की कुछ शानदार विडिओ व तस्वीर...
शिव खेरा(समाज सेवक व शोधकर्ता ) दिल्ली के जंतर मंतर पर रात के 11:48 मिनट पर india against corruption की मुहीम में रजिस्टर होते हुए..
रमेश झा जी जो गणित के शिक्षक है दिल्ली विश्वविध्यालय में ने भी अन्ना हजारे जी के साथ पांच दिन आमरण अनसन किया भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए..
संजीव छिब्बर जो पेशे से केंसर के शल्य चिकित्सक हैं ने भी पांच दिनों तक आमरण अनसन कर अन्ना  हजारे जी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुहीम में अपना कीमती योगदान दिया..
युवाओं ने इस मुहीम में पूरे जोश और जुनून के साथ हिस्सा लिया..इस मुहीम की कामयाबी के लिए किसी ने एक साल अपने IAS की तैयारी को टाल दिया तो किसी ने अपने पढाई के साथ साथ इस मुहीम को ज्यादा से ज्यादा वक्त देने का हरसंभव प्रयास किया..
राष्ट्रिय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति जैसे कई गैर सरकारी संगठनों का जोरदार समर्थन मिला इस मुहीम को..

पूर्व आयकर आयुक्त विश्व बंधू गुप्ता जी ने मुझसे बातचीत में जंतर मंतर पर कहा की कौन कहता है की मनमोहन सिंह इमानदार है...?  इसदेश के सारे बरे मोहरे ही चोर हैं |
इस मुहीम में पत्रकारों ने अपनी नौकरी नहीं बल्कि इस मुहीम को अपना मुहीम समझ कर साथ दिया मेरे मित्र अनुराग मुस्कान ने इस मुहीम की जीत के बाद इसे पूरे देश की जीत व आजादी के बाद का सबसे बरा जश्न बताया ,उनके चेहरे पे पूरे देश की ख़ुशी देखकर मैं भी ख़ुशी से झूम उठा ,इस मुहीम में कई ब्लोगरों ने भी सराहनीय सहयोग दिया जिनमे पदम् सिंह जी ,खुशदीप सहगल जी,अजय कुमार झा जी,रमेश जैन जी,राजेश शर्मा जी इत्यादि का नाम प्रमुख है | काश इस देश के हर व्यक्ति को ख़ुशी मिल जाती इस जन लोकपाल के द्वारा स्थापित सुशासन से ...?

सोमवार, 21 मार्च 2011

आज इस गणतंत्र को आपदा से बचाने के लिए 5 स्टार चरित्र की आवश्यकता है......


आज इस देश में चारो तरफ 5 स्टार मॉल,होटल,एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन इत्यादि बनाने के लिए सैकड़ों व हजारों करोड़ निवेश किये जा रहें हैं ,हर तरफ 5 स्टार सुविधाओं की चमक-धमक को जोर-शोर के साथ प्रचारित और उसको अपनाने को प्रेरित किया जा रहा है | यहाँ यह बता देना आवश्यक है की 5 स्टार प्रमाणपत्र उन्नत किस्म के बेहतर सुविधा के लिए दिया जाने वाला प्रमाणपत्र है |


अब जरा यह देखें की 5 स्टार सुविधा की और अग्रसर होते भारत में क्या वास्तव में 5 स्टार सुविधा सामाजिक व मानवीय सरोकार से भी जुरा है ..?


अगर ईमानदारी से इस सवाल का जवाब तलाश करें तो पायेंगे की 5 स्टार सुविधा तब फायदे मंद है जब पूरे देश में 5 स्टार सरकारी काम-काज की व्यवस्था हो,नागरिक 5 स्टार के कर्तव्य निर्वाह के लिए आतुर व प्रेरित हों,सरकारी कर्मचारी,मंत्री,सांसद तथा विधायक जनहित व देशहित में 5 स्टार चरित्र का पालन करते हों | पूरी सरकारी व्यवस्था तय समय में नागरिकों के मूलभूत जरूरतों जैसे रोटी,कपडा,मकान,शिक्षा ,न्याय इत्यादि को पूरा करने में 5 स्टार रूप में तत्पर हो | लेकिन हमारे देश में 5 स्टार सुविधा के लिए सरकार और निजी क्षेत्र जिस प्रकार से दिल खोलकर निवेश कर रही है उतना ही मानवीय जीवन के लिए मूलभूत साधन की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है | इसकी वजह अगर ढूंढें तो दिमाग पर जोड़ डालने के बाद एक बात जो सबसे पहले आती है वह है हमारे शीर्ष राजनेताओं का चारित्रिक पतन जिसकी वजह से पूरी व्यवस्था 5 स्टार स्तर की बदबूदार हो चुकी है | बेईमान लोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे सत्य व न्याय की रक्षा के लिए सृजित पदों पर पहुँच चुके हैं | किसी भी सरकारी कार्यालय में कोई भी काम बिना रिश्वत या सिफारिस के नहीं होता है,देश के विभिन्न सेवा आयोगों में योग्यता के आधार पर नियुक्ति ना होकर पैसों के बल पर पदों को बेचा जा रहा है,राज्य सभा में त्याग और जनहित की भावना की जगह बेईमान और गद्दार लोग विभिन्न पार्टियों को पैसा देकर सांसद बन रहें हैं ,देश की संसद जिसके ऊपर हर एक नागरिक के हितों और जीवन की रक्षा का दायित्व है वो सिर्फ धनपशुओं की रक्षा और देश को लूटने वाले गद्दारों को बचाने का कानून बनाती है | जिसका सबूत है की 64 वर्षों में लगभग 90 प्रतिशत मंत्री शर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचार में लिप्त रहे होंगे लेकिन एक को भी आजीवन कारावास या फांसी नहीं हुयी है | पहले मंत्री लूटते थे लेकिन अब उनके रिश्तेदार भी देश व समाज को लूट रहें हैं ,जिसका ताजा उदाहरण सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के अरबपति बनने का है |




देश के राष्ट्रपति के पद के लिए भी इस देश के राजनेताओं को एक व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जिसे पूरा देश अंतरात्मा से सम्मान दे सके,मुख्य सतर्कता आयुक्त पी.जे.थोमस की नियुक्ति को सर्वोच्च न्यायलय को अवैध ठहराना परा ,राष्ट्रपति के पद पर प्रतिभा पाटिल और मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्ति की सूक्ष्म व्यवहारिक विवेचना का अधिकार भी अगर सर्वोच्च न्यायालय को होता तो शायद ये दोनों नियुक्तियां भी अवैध घोषित होने योग्य ही होती ..?



खैर ये बरी लम्बी बहस का मुद्दा है ...हम बात कर रहे थे 5 स्टार की......हमें लगता है की 5 स्टार सुविधा के लिए इस देश में लोग इंसानी संवेदना के साथ गद्दारी करने के साथ-साथ देश व समाज के साथ भी गद्दारी कर रहें हैं | अगर इतने 5 स्टार होटल,माल,एयरपोर्ट बन जाने से 5 स्टार वाली गुणवत्ता आती तो हमारे देश का एक भी मंत्री तो इमानदार होता ...? बल्कि देखा जाय तो ज्यों-ज्यों 5 स्टार सुविधाओं की बढ़ोतरी हो रही है त्यों-त्यों समाज में बेईमानी और सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर शर्मनाक रूप से बढ़ रहा है | 5 स्टार होटलों का वे लोग ज्यादातर उपयोग कर रहें हैं जो घोटाले और भ्रष्टाचार कर देश व समाज को ठगतें हैं ,ऐसे लोगों के किस्से कम ही सुनने को मिलतें हैं की 5 स्टार विश्वविध्यालय से पढाई करके कोई छात्र 5 स्टार स्तर की मानवीय सेवा के लिए इस देश के गांव के लोगों की सेवा में तन-मन से जुट गया हो या कोई डॉक्टर इस देश के गांव के लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया हो | पेट भरना सबकी मजबूरी है लेकिन क्या हमारे देश के राजनेताओं का पेट इतना बरा हो गया है की 5 स्टार स्तर की तरक्की के ढोंग तले पूरी मानवता के आधार संवेदनशील चरित्र को ही बेच देने पर आमादा हैं ...? क्या हम 5 स्टार सुविधा के उपयोग के लिए बेईमानी और देश व समाज के साथ गद्दारी को मजबूर हैं ....? इस देश के अरबपतियों में से कुछ एक को छोर दें तो ऐसा ही प्रतीत होता है की पैसा उनके लिए देश व समाज से बढ़कर है और वे इंसान नहीं धनपशु हैं....?



ऐसे दर्दनाक अवस्था को देखते हुए यही कहा जा सकता है की इस देश को सबसे पहले 5 स्टार चरित्र निर्माण की दिशा में निवेश करने की जरूरत है ,इस देश की सरकार को नागरिकों को ये एहसास कराने की जरूरत है की आप इमानदार और चरित्रवान बनिए सरकारी खजाना आपकी सेवा में हाजिर है लेकिन अगर आप बेईमानी और चरित्रहीन हैं तो आपको फांसी और आजीवन कारावास निश्चित ही नसीब होगा और इस देश के उद्योगपतियों को भी फांसी पे नहीं चढ़ना है तो अपने गद्दारी और इस देश को लूटकर बनाये गए धन,साधन और संसाधन को इस देश में हर नागरिक को उच्च चरित्र और आदर्श इंसान बनाने की चारित्रिक शिक्षा के लिए खर्च करे | ऐसा नहीं करने वाले भ्रष्ट मंत्री व उद्योगपतियों की संपत्ति भी अब जप्त होगी और फांसी या आजीवन कारावास भी होगा...क्योकि असल 5 स्टार चरित्र के मालिक व त्यागी सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे जी 5 अप्रेल 2011 से दिल्ली के जंतर मंतर पर भूख हरताल पर बैठ रहें हैं इसी उद्देश्य से और उनके साथ पूरा देश बैठेगा भूख हरताल पर एक न एक दिन | इसलिए आपसब से भी आग्रह है की 5 स्टार चरित्र को अपनाइये और इस देश के भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा उनके धनपशु पार्टनर उद्योगपतियों को भी 5 स्टार स्तर के चरित्र को अपनाने के लिए मजबूर करिये ना की सिर्फ 5 स्टार स्तर की सुविधा अपनाने के लिए....5 अप्रैल 2011 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जरूर पूरे परिवार के साथ आइये | अभी इस देश,समाज व इंसानियत को सबसे पहले सिर्फ 5 स्टार चरित्र की आवश्यकता है क्योकि चरित्र की कीमत पे पाया गया 5 स्टार सुख-सुविधा किसी इंसान के हित में नहीं |

बुधवार, 19 जनवरी 2011

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध ही अब इस गणतंत्र को बचा सकता है.........जनयुद्ध के शंखनाद का हिस्सा बनिये 30 जनवरी 2011 को रामलीला मैदान दिल्ली आइये ....

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की दिल्ली के चेतनालय में रूप रेखा तैयार करते लोग...
दिल्ली विश्वविध्यालय में 18 जनवरी 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में शामिल होने के लिए छात्र और छात्राओं का आह्वान करते अरविन्द केजरीवाल जी....


भारत जैसे गणतंत्र में आज भ्रष्टाचार बिना किसी जोखिम वाला सबसे ज्यादा फायदा देने वाला धंधा बन चुका है.....ह़र किसी को पता है हजारों करोड़ का घोटाला करों कुछ नहीं होगा.....कोई सजा नहीं होगी बल्कि कई सांसदों को राज्य सभा में जगह दिलाने क़ी व्यवस्था हो जाएगी.....चार करोड़ में IAS ,IPS की नौकरी को खरीद कर अपने बेबकूफ बच्चों को भी IAS तथा IPS बनाने का जुगाड़ हो जायेगा.....


लेकिन इन सबसे अगर कोई सबसे ज्यादा पभावित और पीड़ित है तो वो है ह़र क्षेत्र में कार्यरत इमानदार अधिकारी,कर्मचारी और आम नागरिक जिसका जमीर जिन्दा है.....ऐसे लोग हर क्षेत्र में हैं और इनलोगों ने ही अब भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की तैयारी शुरू कर दी है जिससे लगता है की अब इस देश के सभी भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा अधिकारियों को ना सिर्फ सजा मिलेगी बल्कि इनको अपने पद तथा काली कमाई से बनायीं गयी संपत्ति से भी हाथ धोना परेगा.....


आप सबको बता दूँ की जनता द्वारा अगर जनयुद्ध होता है तो भ्रष्ट से भ्रष्ट लोग भी सुधर जाते हैं......होँगकोँग 1970 के  दशक तक आज के भ्रष्टाचार के भारत से भी बदतर अवस्था में था जिसके खिलाप तंग आकर वहां के लोग सड़कों पर उतर आये और वहां (ICAC ) Independent Commission Against Corruption नामक स्वतंत्र संस्था का गठन हुआ और  एक साथ 180 में से 119 पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया जिससे पूरी नौकरशाही में सन्देश गया की अब भ्रष्टाचार नहीं चलने वाला | नतीजा ये है की हांगकांग आज लगभग भ्रष्टाचार मुक्त देश है और ICAC पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है....| इस लिंक पर जाकर इस संस्था के बारे में जाना जा सकता है-http://www.icac.org.hk/en/about_icac/os/index.html


इस देश में भी भ्रष्टाचार के खिलाप एक जनयुद्ध की तैयारी किरण बेदी,जस्टिस संतोष हेगड़े,प्रशांत भूषन,जे.एम .लिंगदोह,स्वामी अग्निवेश,अन्ना हजारे,आर्चविशप विन्सेंट एम. कोंसेसाओ तथा अरविन्द केजरीवाल जैसे लोगों ने इस देश में पारदर्शिता को लाने तथा भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए संघर्षरत जितनी भी संस्था या लोग हैं को साथ लेकर करने का निर्णय लिया है तथा इस देश में UPA सरकार के द्वारा लाया जा रहा लोकपाल बिल नहीं बल्कि जन-लोकपाल बिल लाने जिसमे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पदों पर बैठे व्यक्ति की भी जाँच हो सके तथा अपराधी पाये जाने पर आजीवन कारावास के साथ-साथ उनकी सारी संपत्ति भी जप्त की जा सके की व्यवस्था पारदर्शी तरीके से हो की समुचित व्यवस्था होगी के लिए पूरे देश को एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया है |


इसलिए आप सबसे आग्रह है की इस देशव्यापी भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में तन,मन और धन से ना सिर्फ सहयोग करें बल्कि 30 जनवरी 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर इस अभियान को अपना अभियान समझें तथा इस जनयुद्ध को इतना प्रभावी बनाये की भ्रष्ट लोगों से भरी सरकार भी भ्रष्टाचारियों के खिलाप ना सिर्फ कार्यवाही करे बल्कि उनकी संपत्ति को जप्त कर जरूरतमंद लोगों में बाँट दे | याद रखिये इस देश की जनता जिसदिन एक स्वर में इन भ्रष्टाचारियों के खिलाप आवाज उठाएगी उसी दिन से इस देश में भ्रष्टाचारियों को इस देश और समाज के साथ गद्दारी को छोड़कर जनसेवा में लगना होगा या ये देश छोड़ना होगा |


आप सबसे यह भी निवेदन है की यह किसी राजनितिक पार्टी का अभियान नहीं है जो भ्रष्ट लोग इसके लिए धन की व्यवस्था करेंगे | अतः इसमें होने वाली सारी व्यवस्था की निगरानी तथा खर्च को भी हमसबको स्वेच्क्षा भरे जन सहयोग से ही उठाना होगा .....आपका धन से सहयोग उतना महत्व नहीं रखता जितना आपका इसमें मन से शामिल होना ...यह अलग बात है की हर ईमानदारी भरे काम के लिए एक निश्चित धन की भी आवश्यकता होती है और इसी मजबूरी की वजह से धन के सहयोग का निवेदन है...अतः जो लोग इसमें धन के रूप में योगदान देना चाहते है वो निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर अपना सहयोग कहाँ और कैसे दें के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं...

यह नंबर हैं-
09968701659 ------------------------स्वाति
09911483629 ------------------------हृषिकेश कुमार
09971900424 ------------------------शिवेंद्र सिंह
09810752301 -------------------------जय कुमार झा
09868069953 --------------------------अरविन्द केजरीवाल जी 

इसके अलावे आपसभी 24 जनवरी 2011 को दिल्ली के गोल डाकखाने के पास भाई बीर सिंह मार्ग पर स्थित चेतनालय में शाम 6 बजे उपस्थित होकर अपने सुझाव,सलाह और सहयोग देने के लिए सादर आमंत्रित हैं..........ह़र भारतीय नागरिक का ये अभियान और जनयुद्ध है.......हमसब इस युद्ध में एक दूसरे के सहयोगी हैं.....

सोमवार, 3 जनवरी 2011

इस गणतंत्र को आज आपके निड़र आवाज क़ी जरूरत है....अब चुप मत रहिये....आप भी बोलिए "भारत बोलेगा "के संग........

 
भ्रष्ट और कुकर्मी मंत्रियों तथा बड़े उद्योगपतियों से इस गणतंत्र को तथा समाज को बचाना है तो अब चुप मत रहिये....आप भी बोलिए "भारत बोलेगा "के संग.......डरिये नहीं भ्रष्टाचारी अगर आपके  नजर में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति क़ी कुर्सी पर भी बैठा हो तो भी बोलिए.....आपका बोलना ही अब इस देश और समाज तथा आपको भी बचा सकता है......इस गणतंत्र को आज आपके निड़र आवाज क़ी जरूरत है....

पढ़िए इस लिंक पर....http://www.bharatbolega.com/archives/1741