आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

बुधवार, 19 जनवरी 2011

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध ही अब इस गणतंत्र को बचा सकता है.........जनयुद्ध के शंखनाद का हिस्सा बनिये 30 जनवरी 2011 को रामलीला मैदान दिल्ली आइये ....

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की दिल्ली के चेतनालय में रूप रेखा तैयार करते लोग...
दिल्ली विश्वविध्यालय में 18 जनवरी 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में शामिल होने के लिए छात्र और छात्राओं का आह्वान करते अरविन्द केजरीवाल जी....


भारत जैसे गणतंत्र में आज भ्रष्टाचार बिना किसी जोखिम वाला सबसे ज्यादा फायदा देने वाला धंधा बन चुका है.....ह़र किसी को पता है हजारों करोड़ का घोटाला करों कुछ नहीं होगा.....कोई सजा नहीं होगी बल्कि कई सांसदों को राज्य सभा में जगह दिलाने क़ी व्यवस्था हो जाएगी.....चार करोड़ में IAS ,IPS की नौकरी को खरीद कर अपने बेबकूफ बच्चों को भी IAS तथा IPS बनाने का जुगाड़ हो जायेगा.....


लेकिन इन सबसे अगर कोई सबसे ज्यादा पभावित और पीड़ित है तो वो है ह़र क्षेत्र में कार्यरत इमानदार अधिकारी,कर्मचारी और आम नागरिक जिसका जमीर जिन्दा है.....ऐसे लोग हर क्षेत्र में हैं और इनलोगों ने ही अब भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की तैयारी शुरू कर दी है जिससे लगता है की अब इस देश के सभी भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा अधिकारियों को ना सिर्फ सजा मिलेगी बल्कि इनको अपने पद तथा काली कमाई से बनायीं गयी संपत्ति से भी हाथ धोना परेगा.....


आप सबको बता दूँ की जनता द्वारा अगर जनयुद्ध होता है तो भ्रष्ट से भ्रष्ट लोग भी सुधर जाते हैं......होँगकोँग 1970 के  दशक तक आज के भ्रष्टाचार के भारत से भी बदतर अवस्था में था जिसके खिलाप तंग आकर वहां के लोग सड़कों पर उतर आये और वहां (ICAC ) Independent Commission Against Corruption नामक स्वतंत्र संस्था का गठन हुआ और  एक साथ 180 में से 119 पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया जिससे पूरी नौकरशाही में सन्देश गया की अब भ्रष्टाचार नहीं चलने वाला | नतीजा ये है की हांगकांग आज लगभग भ्रष्टाचार मुक्त देश है और ICAC पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है....| इस लिंक पर जाकर इस संस्था के बारे में जाना जा सकता है-http://www.icac.org.hk/en/about_icac/os/index.html


इस देश में भी भ्रष्टाचार के खिलाप एक जनयुद्ध की तैयारी किरण बेदी,जस्टिस संतोष हेगड़े,प्रशांत भूषन,जे.एम .लिंगदोह,स्वामी अग्निवेश,अन्ना हजारे,आर्चविशप विन्सेंट एम. कोंसेसाओ तथा अरविन्द केजरीवाल जैसे लोगों ने इस देश में पारदर्शिता को लाने तथा भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए संघर्षरत जितनी भी संस्था या लोग हैं को साथ लेकर करने का निर्णय लिया है तथा इस देश में UPA सरकार के द्वारा लाया जा रहा लोकपाल बिल नहीं बल्कि जन-लोकपाल बिल लाने जिसमे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पदों पर बैठे व्यक्ति की भी जाँच हो सके तथा अपराधी पाये जाने पर आजीवन कारावास के साथ-साथ उनकी सारी संपत्ति भी जप्त की जा सके की व्यवस्था पारदर्शी तरीके से हो की समुचित व्यवस्था होगी के लिए पूरे देश को एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया है |


इसलिए आप सबसे आग्रह है की इस देशव्यापी भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में तन,मन और धन से ना सिर्फ सहयोग करें बल्कि 30 जनवरी 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर इस अभियान को अपना अभियान समझें तथा इस जनयुद्ध को इतना प्रभावी बनाये की भ्रष्ट लोगों से भरी सरकार भी भ्रष्टाचारियों के खिलाप ना सिर्फ कार्यवाही करे बल्कि उनकी संपत्ति को जप्त कर जरूरतमंद लोगों में बाँट दे | याद रखिये इस देश की जनता जिसदिन एक स्वर में इन भ्रष्टाचारियों के खिलाप आवाज उठाएगी उसी दिन से इस देश में भ्रष्टाचारियों को इस देश और समाज के साथ गद्दारी को छोड़कर जनसेवा में लगना होगा या ये देश छोड़ना होगा |


आप सबसे यह भी निवेदन है की यह किसी राजनितिक पार्टी का अभियान नहीं है जो भ्रष्ट लोग इसके लिए धन की व्यवस्था करेंगे | अतः इसमें होने वाली सारी व्यवस्था की निगरानी तथा खर्च को भी हमसबको स्वेच्क्षा भरे जन सहयोग से ही उठाना होगा .....आपका धन से सहयोग उतना महत्व नहीं रखता जितना आपका इसमें मन से शामिल होना ...यह अलग बात है की हर ईमानदारी भरे काम के लिए एक निश्चित धन की भी आवश्यकता होती है और इसी मजबूरी की वजह से धन के सहयोग का निवेदन है...अतः जो लोग इसमें धन के रूप में योगदान देना चाहते है वो निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर अपना सहयोग कहाँ और कैसे दें के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं...

यह नंबर हैं-
09968701659 ------------------------स्वाति
09911483629 ------------------------हृषिकेश कुमार
09971900424 ------------------------शिवेंद्र सिंह
09810752301 -------------------------जय कुमार झा
09868069953 --------------------------अरविन्द केजरीवाल जी 

इसके अलावे आपसभी 24 जनवरी 2011 को दिल्ली के गोल डाकखाने के पास भाई बीर सिंह मार्ग पर स्थित चेतनालय में शाम 6 बजे उपस्थित होकर अपने सुझाव,सलाह और सहयोग देने के लिए सादर आमंत्रित हैं..........ह़र भारतीय नागरिक का ये अभियान और जनयुद्ध है.......हमसब इस युद्ध में एक दूसरे के सहयोगी हैं.....

सोमवार, 3 जनवरी 2011

इस गणतंत्र को आज आपके निड़र आवाज क़ी जरूरत है....अब चुप मत रहिये....आप भी बोलिए "भारत बोलेगा "के संग........

 
भ्रष्ट और कुकर्मी मंत्रियों तथा बड़े उद्योगपतियों से इस गणतंत्र को तथा समाज को बचाना है तो अब चुप मत रहिये....आप भी बोलिए "भारत बोलेगा "के संग.......डरिये नहीं भ्रष्टाचारी अगर आपके  नजर में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति क़ी कुर्सी पर भी बैठा हो तो भी बोलिए.....आपका बोलना ही अब इस देश और समाज तथा आपको भी बचा सकता है......इस गणतंत्र को आज आपके निड़र आवाज क़ी जरूरत है....

पढ़िए इस लिंक पर....http://www.bharatbolega.com/archives/1741

रविवार, 17 अक्टूबर 2010

मुकेश अम्बानी साहब आपको नया घर बहुत-बहुत मुबारक हो ....लेकिन आपकी इस गणतंत्र के प्रति भी नैतिक जिम्मेवारी है .....

मुकेश और नीता अम्बानी जी ,जिनको नये आवास की अग्रिम बधाई और शुभकामनायें ...अब आप दोनों कृपाकर अपनी सारी शक्ति इस देश और समाज के लिए लगायें..इसके लिए पूरा देश और समाज आपका आभारी रहेगा ...(चित्र -गूगल से साभार)
मुकेश अम्बानी जी के नये आवास की एक झलक...(चित्र -गूगल से साभार)

मुकेश अम्बानी साहब आपको लगभग 6000 कड़ोर क़ी लागत से बना,173 मीटर ऊँचा,60 मंजिल क़ी ऊंचाई में ज्यादा ऊंचाई वाले 27 मंजिला ,168 कारों के पार्किंग क़ी क्षमता वाला,तीन हेलीपैड-स्विमिंग पूल-झूलता गार्डेन,तथा और भी स्वर्गों जैसी सुविधायुक्त नया आवास बहुत-बहुत मुबारक हो | 


आपने यह आवास कानून द्वारा तर्कसम्मत विधि से अर्जित धन से बनाया है इसलिए इसका विरोध करने का भी किसी को कोई हक़ नहीं ..वैसे भी किसमे हिम्मत है क़ी खुले आम आपका किसी भी बात के लिए विरोध कर सके ...?



मैं आपको कानूनी दायरे से बाहर आकर इंसानियत और नैतिकता में बाँधकर आपसे आग्रह करता हूँ क़ी इस देश को आप जैसे अनुभवी,कर्मठ,शक्तिशाली तथा भाग्यशाली व्यक्ति के अंतरात्मा क़ी सख्त जरूरत है | आज इस देश में इंसानी अंतरात्मा,सच बोलने वाले,न्याय के लिए लड़ने वाले ,ईमानदारी को भगवान के समान मानने वाले लोगों क़ी बड़ी दयनीय स्थिति है खासकर इस देश क़ी आत्मा गांवों में बसती है लेकिन गांवों में स्थिति बेहद शर्मनाक है सत्य,न्याय,ईमानदारी,देशभक्ति तथा इंसानियत के राह क़ी | अब तो लोग इन बातों से कोढ़ के रोग क़ी तरह दूर भाग्तें हैं ...निश्चय क़ी यह आपके साथ-साथ पूरी इंसानियत के लिए भी खतरे क़ी घंटी है |



अतः इतिहास से सबक अगर लिया जाय तो उस साम्राज्य का पताका ज्यादा दिनों तक फहराता रहा है जो अंततः सत्य,न्याय,ईमानदारी तथा इंसानियत को सुरक्षा व सहायता के लिए अपने ताकत का इस्तेमाल किया है | हमारे देश में दुर्भाग्य से उद्योगपतियों क़ी छवि दिनों दिन समाज व इंसानियत विरोधी बनती जा रही है ..चूँकि हिन्दुस्तानी मीडिया इन्ही उद्योगपतियों के सहारे जिन्दा है या यों कहें क़ी उनके व्यवसायिक हित इनसे ही सधती है इसलिए मीडिया में उद्योग पतियों के खिलाप सार्थक आलोचना का भी अब पूरा मामला ही साफ हो गया है जिससे उद्योगपतियों में सामाजिक सरोकार क़ी भावना कहिं ग़ुम सी होती जा रही है |
अतः इन सब बातों के मद्दे नजर आपसे नम्र आग्रह है क़ी अब आपने इस नए आवास के साथ सबकुछ पा लिया है और अब आपको अपने समूह के शुद्ध लाभ का 50% इस देश के ह़र गांव में एक अदद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,एक इन्टरनेट से सुसज्जित जन समस्या निवारण प्रयास केंद्र ,एक चिकित्सालय जैसे मूलभूत जरूरत जैसे सुविधाओं को स्थापित करने तथा उसके लिए योग्य और इमानदार लोगों को ढूंढकर उसे संचालित  करवाने पर खर्च करना चाहिए | ऐसा करने से आप ना सिर्फ पूंजीपतियों के बीच बल्कि इस देश क़ी आत्मा (गांवों में रहने वाले)से भी सबसे महान उद्योगपति कहलाने योग्य बन जायेंगे | ऐसा करना एक इंसान और भारतीय नागरिक होने के नाते आपका नैतिक दायित्व भी है |

आशा है आप इस मुद्दे पर नए आवास के खुशनुमा माहौल में पहुँचने के बाद सोचना और उस पर अमल करना शुरू कर देंगे | यकिन मानिये ऐसा करने से अम्बानी समूह का सूरज कभी अस्त नहीं हो पायेगा  बल्कि इस देश के आत्मा में भी चमकता रहेगा ....!

शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010

ब्लोगिंग के जरिये गणतंत्र को आगे बढाने का एक अभूतपूर्व आयोजन का सार्थक प्रयास.....


महात्मा गाँधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविध्यालय वर्धा(महाराष्ट्र) के द्वारा 9-10 अक्टूबर को ब्लोगिंग पे आधारित कार्यशाला और विचार गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है | इस आयोजन का श्रेय विश्वविध्यालय के कुलपति श्री विभूति नारायण राय जी तथा संपरीक्षा अधिकारी श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी के ब्लोगिंग के प्रति सम्मान भरी सोच तथा ब्लोगिंग को सामाजिक सरोकार से जोड़ने क़ी उनकी हार्दिक इच्छा को विशेष रूप से दिया जा सकता है | मैं यह पोस्ट वर्धा से प्रकाशित कर रहा हूँ | मैंने यहाँ पहुंचकर श्री रॉय और श्री त्रिपाठी जी द्वारा इस आयोजन में बुलाये गए ब्लोगरों के लिए किये गए व्यवस्था का भी जायजा लिया ,जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है क़ी यह विश्वविध्यालय श्री रॉय साहब के कुलपति बनने के बाद समुचित विकास क़ी दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और इस विश्वविध्यालय क़ी व्यवस्था काफी अच्छी है | मैं आज श्री विभूति नारायण राय जी से भी मिला जिन्होंने बड़ी गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया और हिंदी ब्लोगिंग से जुड़े आयोजन को नियमित करने का भी आश्वासन दिया जो निश्चय ही अन्य विश्वविध्यालयों के लिए अनुकरणीय है | हम श्री राय के आभारी है जिन्होंने हिंदी ब्लोगिंग को सार्थक दिशा देने के लिए एक उम्दा प्रयास किया है तथा  हिंदी  के विकास  के  लिए  स्थापित  एकमात्र   विश्वविध्यालय  को  सही मायने में जमीनी  स्तर  पर  स्थापित करने का भी नेक और सराहनीय काम किया है  |


ये कुछ चित्र हैं जो मैंने आज अपने कैमरे से कैद किये हैं  जिसमे इस विश्वविध्यालय क़ी हरी-भरी व्यवस्था क़ी छवि  दिखती है ....
विश्वविध्यालय का भव्य मुख्य द्वार
मुख्यद्वार पर लगा हिंदी विश्वविध्यालय का बोर्ड जो हिंदी का सम्मान बढ़ाता हुआ...
विश्वविध्यालय का हरा-भरा माहौल जो शिक्षा के लिए अनुकूल है..
विश्वविध्यालय के कुलपति अपने कार्यालय में मेरा गर्मजोशी से स्वागत करने के बाद अकस्मात आये किसी फोन पर बात करते हुए...
कुलपति महोदय का कार्यालय कक्ष
विश्वविध्यालय के संपरीक्षा अधिकारी श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी अपने कार्यालय में ...




इस ब्लोगिंग के विकास के कार्यशाला में कल जिन जाने-माने ब्लोगरों के उपस्थित होने की पुष्ट सूचना प्राप्त हुई है उनके नाम इस प्रकार हैं ...
श्री अनूप शुक्ल(कानपूर)
डॉ.कविता वाचक्नवी(लन्दन/इलाहबाद)
श्री अविनाश वाचस्पति(दिल्ली)
श्री यशवंत सिंह(दिल्ली)
श्री सुरेश चिपलूनकर(उज्जैन)
डॉ.ऋषभदेव शर्मा (सिकंदराबाद)
डॉ.(श्रीमती)अजित गुप्ता(उदयपुर)
श्री रविन्द्र प्रभात(लखनऊ)
श्री विवेक सिंह (पानीपत)
श्री जाकिर अली रजनीश(लखनऊ)
श्री प्रवीन पाण्डेय(बंगलौर)
श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी(दिल्ली)
श्री प्रियंकर पालीवाल(कलकत्ता)
सुश्री अनीता कुमार (मुंबई)
श्री शैलेश भारतवासी(दिल्ली)
श्री संजय बेंगाणी(अहमदाबाद)
श्री अशोक कुमार मिश्र(मेरठ)
श्री संजीत त्रिपाठी(रायपुर)
डॉ.महेश सिन्हा(रायपुर)
सुश्री गायत्री शर्मा(इंदौर)
श्री विनोद शुक्ल(इलाहाबाद)
तथा मैं जय कुमार झा (दिल्ली) से तो पहुँच ही चुका हूँ...

मंगलवार, 7 सितंबर 2010

इस गणतंत्र को बचाना है तो लोभी,भोगी,स्वार्थी और भ्रष्टाचार को पोषण देने वाले लोगों को देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे सम्माननीय पदों पर से हटाने के आवाज को बुलंद करना होगा ....

गणतंत्र भ्रष्ट और नैतिकपतन हो चुके लोगों के नेतृत्व क़ी वजह से पूरी तरह अस्त होने क़ी कगार पे है ,जिसका उदय सिर्फ और सिर्फ इन लोगों के खिलाप इस देश के 80 प्रतिशत जनता द्वारा निड़र होकर सड़कों पर निकलकर आवाज उठाने से ही हो सकता है ...

इस प्रधानमंत्री ने न्याय और संवेदनशीलता को एकदम भुला दिया है प्रधानमंत्री क़ी कुर्सी के भोग और विलाश में  , इसने इस देश को पत्थर बनने और भ्रष्टाचार को सहने के लिए मजबूर कर दिया है ,अब तो इसने हद ही कर दी है ...


हमारा हमेशा से मानना रहा है क़ी कोई व्यक्ति किसी पद पर बैठकर महान नहीं बल्कि उस पद क़ी मर्यादा के अनुसार आचरण करने से होता है |




एक तरफ जहाँ सर्वोच्च न्यायालय के एक जज ने न्याय और इंसानियत को जिन्दा करने के लिए अभूतपूर्व निर्णय दिया और शरद पवार जैसे भ्रष्ट मंत्री क़ी वजह से सड़ चुकी व्यवस्था को आदेश दिया क़ी अनाज को सड़ाने से अच्छा है क़ी उसे गरीबों में मुफ्त बाँट दिया जाय | ऐसा आदेश सरकार को देकर सर्वोच्च न्यायालय के माननीय जज ने ना सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के मर्यादा को बढाया बल्कि न्याय और इंसानियत का संतुलन कैसे होता है इसका अभूतपूर्व उदाहरण सरकार और इस देश क़ी जनता के सामने पेश किया | 




वहीँ दूसरी ओर हमारे देश के प्रधानमंत्री जो इस देश क़ी जनता के सेवा के लिए तनख्वाह पाते हैं ,ने इस आदेश के बाद सर्वोच्च न्यायालय को सरकार के नीतिगत मामलों से दूर रहने को कहा | 



ऐसा कहकर मनमोहन सिंह जी ने ना सिर्फ न्याय को हतोत्साहित करने का काम किया है बल्कि भ्रष्टाचार को बढाने तथा शरद पवार जैसे भ्रष्टाचारियों को सरकारी संरक्षण देने क़ी भी कोशिस क़ी है | मनमोहन सिंह जी ने ऐसा बयान देकर अपने मानसिक दिवालियापन और इस देश क़ी जनता के प्रति गंभीर असंवेदनशीलता का परिचय दिया है | अब वक्त आ गया है क़ी हमसब को मिलकर ऐसे निकम्मे प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री जैसे पद को छोड़ने के लिए मुहीम चलाने क़ी जरूरत है | शर्मनाक है मनमोहन सिंह जी का बयान और दिमागी दिवालियापन....?




हम ऐसे अन्याय और भ्रष्टाचार को पोषण देने वाले बयान देने वाले प्रधानमंत्री का पुरजोड़ विरोध करते और हमें इस बात का बेहद दुःख है क़ी एक निकम्मा व्यक्ति हमारे देश के प्रधानमंत्री जैसे सम्माननीय पद पर बैठा है जिससे हमारा देश और समाज नरक बनता जा रहा है | आप सबसे भी आग्रह है क़ी आप लोग भी अपने स्वयं के अंतरात्मा के आवाज पर निड़र होकर इस प्रधानमंत्री के बारे में अपने विचार यहाँ रखें ...  



शर्मनाक के साथ-साथ खतरनाक है क़ी अब ऐसे लोगों को इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे जिम्मेवार और सम्माननीय पदों पर बैठाया जा रहा है जो देश क़ी जनता के प्रति जिम्मेवार होने के वजाय दलालों और भ्रष्टाचारियों के प्रति ज्यादा जवाबदेही दिखाते हैं और जिसकी वजह से इस देश में सत्य,ईमानदारी और इंसानियत लगभग ख़त्म होती जा रही है | शायद इनकी मनसा इस गणतंत्र को दलालों का तंत्र बनाने का है | शायद यही वजह है क़ी शरद पवार और राजा जैसे लोग इन सम्माननीय पदों से भी ऊपर हो गए हैं और इनपर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है और देश में एक सन्देश जा रहा है क़ी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पदों पर बैठा व्यक्ति भी इन भ्रष्टाचारियों के रहमों करम पे  है | 

शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

इस गणतंत्र में सच्चे और भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ने वालों क़ी औकात भारत सरकार के नजर में एक कुत्ते बिल्ली से ज्यादा कुछ भी नहीं.....?

     

श्री हरी प्रसाद जिसने इस देश के लोकतंत्र के चुनावी प्रक्रिया क़ी धांधली को उजागर करते हुए यह साबित करने का प्रयास किया क़ी मशीन को कैसे हैक कर किसी एक पार्टी को फायदा पहुँचाया जा सकता है इस बात पर ना सिर्फ शोध किया बल्कि उसे प्रमाणित भी किया |
लेकिन श्री हरी प्रसाद को हैदरावाद में मुंबई पुलिस द्वारा उनके आवास से गिरफ्तार करना इस बात को साबित करता है की इस देश में सच्चे लोगों की तथा भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ने वालों की औकात भारत सरकार के नजर में एक कुत्ते बिल्ली से ज्यादा कुछ भी नहीं ...?
इस बात को निम्नलिखित तथ्यों से भी प्रमाणित किया जा सकता है ....

1 - भारत सरकार अभी तक संसद भवन पर हमले के आरोपी को फांसी देने में तत्परता नहीं दिखा पाई है ....


2 -आदिवासी लड़की को नंगा घुमाया जाता है दबंगों द्वारा उस पर भारत सरकार की आँखें नहीं खुलती है ...

3 - देश भर में सच्चे सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा RTI कार्यकर्ताओं को कुत्ते-बिल्ली की तरह भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा कहीं भी कभी भी मार दिया जाता है ,लेकिन अभी तक किसी को भी भारत सरकार सजा नहीं दे पाई है ... 

4 -चुनाव आयोग में ऐसे कई अधिकारी हैं जिनके पास अड्बों की संपत्ति है क्या उनकी जाँच करने वाला कोई है ...? मुख्य चुनाव आयुक्त को किसी चुनाव सुधार पर शोधकर्ता बनाने के वजाय खेल मंत्री बनाया जाता है और खेल के पीछे भ्रष्टाचार का बेशर्मी भरा खेल खुले आम खेला जाता है ,लेकिन भारत सरकार कोई कार्यवाही नहीं करती है ... 

5 -जब हरी प्रसाद ने शोध के लिए EVM मशीन की मांग की थी और उसे ठुकरा दिया गया था इसी से साबित होता है की EVM मशीन में भारी खामियां है | 

क्योंकि अगर कोई EVM मशीन छेड़-छाड़ करने बाद भी  किसी एक पार्टी के पक्ष में या विपक्ष में कार्य करता रह जाता है तो निश्चय की इस मशीन को बनाने वाली कंपनी तथा इसे खरीदने वाली सरकार तथा इसे चुनाव में लागू करने वाली चुनाव आयोग के मुखिया गुनाहगार हैं ,जिसे देश के साथ और देश के लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के साथ गद्दारी करने के लिए फांसी की सजा होनी चाहिए ...इस मशीन में छेड़-छाड़ के बाद इस मशीन का काम करते रहना ही अपने आप में गंभीर खामियां है जिसे कोई मामूली कम्प्यूटर जानकार भी साबित कर सकता है ...

6 -यहाँ यह बात बेहद गंभीर है की डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने खुलेआम सोनिया गाँधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2009 के आम चुनाव में विदेशी हैकर्स को भारी पैसा देकर अनुबन्धित किया, जो दिल्ली के पाँच सितारा होटलों में बड़े-बड़े तकनीकी उपकरणों के साथ ठहरे थे, और इसकी गहन जाँच होनी चाहिये | निश्चय ही यह देश के अस्तित्व से जुड़ा मामला है इसलिए श्री हरी प्रसाद को EVM मशीन की चोरी के आरोप के साथ-साथ सोनिया गाँधी पर लगे आरोपों की भी जाँच जरूर होनी चाहिए और कानून की नजर में सोनिया गाँधी और हरी प्रसाद को एक नजर से देखा जाना चाहिए | जरूरत पड़े तो इस मामले में चुनाव आयोग के अधिकारियों की भी सख्त जाँच होनी चाहिए और सबकी ब्रेनमेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट भी की जानी चाहिए |  

अगर ऐसा नहीं होता है तो देश के सच्चे लोग भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई को बंद कर दें क्योंकि इस देश में ऐसे लोगों को कभी भी भारत सरकार किसी भी तरह से सुरक्षा नहीं दे सकती ठीक उसी तरह जैसे किसी कुत्ते बिल्ली की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती है | जरा सोचिये श्री हरी प्रसाद को गिरफ्तार करने के वजाय उन्हें आरोप पत्र देकर न्यायिक जाँच में सहयोग करने की नोटिस नहीं दी जा सकती थी ..? क्या हरी प्रसाद जैसे सच्चे समाज के हितैषी के साथ इस तरह का व्यवहार उचित है...? विपक्ष तथा मिडिया का इस दिशा में कुछ भी सार्थक नहीं किया जाना निश्चय ही शर्मनाक है ...


खैर हमारे जैसे लोगों के दिल में तो श्री हरी प्रसाद   जैसे लोगों के लिए इस देश के इस वक्त के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के प्रति  सम्मान और श्रधा से भी ज्यादा सम्मान और श्रधा है | श्री हरी प्रसाद जी आज के महात्मा गाँधी हैं जो सत्य और न्याय के लिए निडरता से इस देश की अंग्रेजों से भी ज्यादा भ्रष्ट हो चुकी व्यवस्था के खिलाप लड़ रहें है | ऐसे लोगों को हमारा हार्दिक नमन है और पूरे विश्व के ब्लोगरों से आग्रह है की इस नेक इंसान के पक्ष में आगे आयें और जितना हो सके उनका हरसंभव मदद और सहायता करें | ऐसे लोगों को सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों और किसी राजनितिक पार्टी की नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों की सहायता और सहयोग की जरूरत है |

शनिवार, 14 अगस्त 2010

कल गणतंत्र में एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ...?

जब तक ऐसे भ्रष्ट नेता देश के विकाश के साधन और संसाधन को खुद का विकाश करने के लिए पूरी आजादी से लूटते रहेंगे और देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद पर बैठे लोग ऐसे लोगों पर कोई भी कार्यवाही करने में असमर्थ रहेंगे तबतक देश में आजादी एक ख्वाब और सपना ही रहेगा ..

कल देश के निकम्मे प्रधानमंत्री को 
एक बार फिर कुव्यवस्था को नहीं सुधारने और प्रधानमंत्री जैसे सम्माननीय पद को शर्मसार करने क़ी आजादी मिल जाएगी ..


कल देश में शरद पवार जैसे भ्रष्ट मंत्रियों को देश को लूटने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी...

कल देश में भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों को अपनी तनख्वाह,भत्तों और सुख सुविधा को गरीबों का खून चूसकर भी अपने मन मुताबिक बढाने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ....असली आजादी ...?


कल देश के पुलिस व्यवस्था को इमानदार,सच्चे,देशभक्त,गरीब और लाचार लोगों के किसी भी शिकायत पर कोई भी कार्यवाही नहीं करने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ...

कल देश के भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और उनके अपराधी प्रतिनिधियों को बैंक तथा जिला प्रशासन के सहयोग से सभी जन्कल्यानकारी योजनाओं को लूटने और देश के विकाश को नकली विकाश में बदलने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ...



कल देश के गरीब,इमानदार,सच्चे,अच्छे,देशभक्तों को अपमानित होने,भूखे मरने,अन्याय व अत्याचार सहकर मरने तथा सत्य व न्याय के ढोंग के दर्दनाक अवस्था को सहने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ...

देश के ९०% भ्रष्ट मंत्रियों को अपने मन मुताबिक देश को बेचने और अपना काला धन स्विस बैंक में भरने तथा खुलेआम भ्रष्टाचार का नंगा खेल खेलने क़ी एक बार फिर आजादी मिल जाएगी ... 

कल देश के सभी भ्रष्ट जाँच अधिकारियों को किसी भी घोटाले क़ी जाँच क़ी कागजी कार्यवाही कर पैसा बनाने और किसी भी भ्रष्टाचारी को सजा नहीं देने क़ी आजादी एक बार फिर मिल जाएगी ....




कल देश के भ्रष्ट और एय्यास जजों तथा वकीलों को कानून,सत्य तथा न्याय को खुले आम बेचने और पूरी न्याय व्यवस्था को शर्मसार करने क़ी एकबार फिर आजादी मिल जाएगी ...

कल देश के आम नागरिकों को भी कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार के दुर्गन्ध युक्त शासन को एक बार फिर ह़र-हाल में सहने क़ी आजादी मिल जाएगी ...