सरकारी लोकपाल धोखा है,इस देश पे वो ही राज करेगा जो जन लोकपाल बिल पास करेगा जैसे नारों से पिछले तीन महीनों से दिल्ली गूंजती रही और आख़िरकार 5 अप्रेल 2011 से शुरू हुआ अन्ना हजारे जी का अनसन 9 अप्रेल को जन लोकपाल के लिए संयुक्त समिति बनाने का सरकारी नोटीफिकेसन मिलने तथा अन्ना के अनसन की समाप्ति के साथ इन नारों पे लगाम लगकर इस देश में एक स्वतंत्र जाँच एजेंसी के निर्माण की शुरुआत हो गयी जिसका मुखिया जन लोकपाल कहलायेगा | आज हर वो इंसान गर्व महसूस कर रहा है जो इस पूरे अभियान का हिस्सा रहा क्योकि उसे एक ऐसा मंच मिलने वाला है जिसपर वह अपने सांसद,विधायक,मंत्री,जिला पधाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के भ्रष्टाचार की शिकायत कर पायेगा नियत समय में जाँच पूरी कर कार्यवाही की आशा के साथ | निश्चय ही ये इस देश में सड़ चुकी निगरानी व कार्यवाही की व्यवस्था को जिन्दा करेगा और असल आजाद प्रजातंत्र को मजबूत करेगा |
आपलोग भी देखिये इस मुहीम की कुछ शानदार विडिओ व तस्वीर...
शिव खेरा(समाज सेवक व शोधकर्ता ) दिल्ली के जंतर मंतर पर रात के 11:48 मिनट पर india against corruption की मुहीम में रजिस्टर होते हुए.. |
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रमेश झा जी जो गणित के शिक्षक है दिल्ली विश्वविध्यालय में ने भी अन्ना हजारे जी के साथ पांच दिन आमरण अनसन किया भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए.. |
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संजीव छिब्बर जो पेशे से केंसर के शल्य चिकित्सक हैं ने भी पांच दिनों तक आमरण अनसन कर अन्ना हजारे जी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुहीम में अपना कीमती योगदान दिया.. |
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राष्ट्रिय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति जैसे कई गैर सरकारी संगठनों का जोरदार समर्थन मिला इस मुहीम को.. |
पूर्व आयकर आयुक्त विश्व बंधू गुप्ता जी ने मुझसे बातचीत में जंतर मंतर पर कहा की कौन कहता है की मनमोहन सिंह इमानदार है...? इसदेश के सारे बरे मोहरे ही चोर हैं |
इस मुहीम में पत्रकारों ने अपनी नौकरी नहीं बल्कि इस मुहीम को अपना मुहीम समझ कर साथ दिया मेरे मित्र अनुराग मुस्कान ने इस मुहीम की जीत के बाद इसे पूरे देश की जीत व आजादी के बाद का सबसे बरा जश्न बताया ,उनके चेहरे पे पूरे देश की ख़ुशी देखकर मैं भी ख़ुशी से झूम उठा ,इस मुहीम में कई ब्लोगरों ने भी सराहनीय सहयोग दिया जिनमे पदम् सिंह जी ,खुशदीप सहगल जी,अजय कुमार झा जी,रमेश जैन जी,राजेश शर्मा जी इत्यादि का नाम प्रमुख है | काश इस देश के हर व्यक्ति को ख़ुशी मिल जाती इस जन लोकपाल के द्वारा स्थापित सुशासन से ...?
देश को सुन्दर बनाने के लिये भ्रष्टाचार को जाना होगा।
जवाब देंहटाएंइस मुहिम से जुड़े लोगों को सावधान और सतर्क रहना होगा और बयान बाजियों से ज्यादा अपने लक्ष्य पर ध्यान देना होगा... सफलता अवश्य मिलेगी
जवाब देंहटाएंaur desh ko sundar banana hi hoga...:)
जवाब देंहटाएं@पदम् सिंह जी
जवाब देंहटाएंघबराइये नहीं अब इस अन्ना ने पूरे देश में कई लाख अन्ना और भगत सिंह पैदा कर दिया है ,अब इन बेशर्म व भ्रष्ट उच्च संवेधानिक पदों पे बैठे मंत्रियों और उनके कुकर्मी उद्योगपतियों जिनके परदे के पीछे के फंडिंग से इस मुहीम को बदनाम करने की साजिश की जा रही है क्योकि इस मुहीम के इमानदार लोगों ने आम लोगों से तो सहयोग लिया लेकिन इन कुकर्मी धनपशुओं के आगे हाथ नहीं फैलाया की वजह से ये लोग भी खार खाये हुए हैं .
.कुकर्मी राजनेताओं को अब फांसी का फंदा और अपनी संपत्ति जप्त होती दिख रही है इसलिए बौखलाहट में बेबकूफी भरा बेशर्म बयान दे रहें हैं..अन्ना तो भोले भाले परन्तु प्रबल परोपकारी सोच के हैं और वो इन भ्रष्टाचारियों के चाल को नहीं समझते हैं...लेकिन उनको ये पता है की अब ये लड़ाई मंजिल पे जरूर पहुंचेगी और इसे लाखों अन्ना और भगत सिंह मिलकर पहुंचाएंगे
@प्रवीण पाण्डेय साहब
जवाब देंहटाएंजी अब कम से कम शर्मनाक भ्रष्टाचार को तो जाना ही होगा....
@Mukesh Kumar Sinha जी
जवाब देंहटाएंहाँ सही कहा आपने अब हमसबको गंदगी साफ कर देश को सुन्दर बनाना ही होगा...
बहुत खूब जय भाई । असली बात तो ये है कि इस मुद्दे से जुडी हर बहस , हर विवाद , हर बयान , हर तर्क वितर्क एक तरह से इस और जनांदोलन का साथ ही दे रहे हैं । होने दीजीए मंथन जो सबसे ठीक होगा रास्ता भी और व्यक्ति भी वो अपने आप छन छन कर निकल आएगा और भविष्य में देश के नवनिर्माण का पथप्रदर्शक बनेगा । लोग शायद ये भूल रहे हैं कि अगर ये पहल भी नहीं की गई होती , किसी के भी द्वारा तो सब मुर्दे की तरह तो पडे हुए ही थे ..और शायद आगे भी रहते ..शुभकामनाएं इस आंदोलन को
जवाब देंहटाएंहमें जन लोकपाल बिल तो मिल गया है लेकिन हमें चोकोना हो के रहना पड़ेगा क्यूंकि भ्रष्ट लोग यहाँ भी पनप सकते हैं, भ्रष्टता की कोई जाट नहीं होती, भ्रष्टता मलेरिया के मछरों की तरह है, गन्दगी मिली नहीं और ओ पनपने लगे, हमें समय समय पर, जगाना होगा
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजय कुमार जी आप बहुत अच्छा काम कर रहे है । बधाई आप face book की तरह desh book बनाए एक घंटे मै लाखो visiter आ जाएगे
जवाब देंहटाएंजन लोकपाल बिल को लेकर सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती है. अब लगता है इन मंत्रियों को जूता-चप्पल की भाषा समझ आएगी. हमें अपने अधिकारों लेने के लिए अब ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा.
जवाब देंहटाएंदेश और समाजहित में देशवासियों/पाठकों/ब्लागरों के नाम संदेश:-
जवाब देंहटाएंमुझे समझ नहीं आता आखिर क्यों यहाँ ब्लॉग पर एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाना चाहते हैं? पता नहीं कहाँ से इतना वक्त निकाल लेते हैं ऐसे व्यक्ति. एक भी इंसान यह कहीं पर भी या किसी भी धर्म में यह लिखा हुआ दिखा दें कि-हमें आपस में बैर करना चाहिए. फिर क्यों यह धर्मों की लड़ाई में वक्त ख़राब करते हैं. हम में और स्वार्थी राजनीतिकों में क्या फर्क रह जायेगा. धर्मों की लड़ाई लड़ने वालों से सिर्फ एक बात पूछना चाहता हूँ. क्या उन्होंने जितना वक्त यहाँ लड़ाई में खर्च किया है उसका आधा वक्त किसी की निस्वार्थ भावना से मदद करने में खर्च किया है. जैसे-किसी का शिकायती पत्र लिखना, पहचान पत्र का फॉर्म भरना, अंग्रेजी के पत्र का अनुवाद करना आदि . अगर आप में कोई यह कहता है कि-हमारे पास कभी कोई आया ही नहीं. तब आपने आज तक कुछ किया नहीं होगा. इसलिए कोई आता ही नहीं. मेरे पास तो लोगों की लाईन लगी रहती हैं. अगर कोई निस्वार्थ सेवा करना चाहता हैं. तब आप अपना नाम, पता और फ़ोन नं. मुझे ईमेल कर दें और सेवा करने में कौन-सा समय और कितना समय दे सकते हैं लिखकर भेज दें. मैं आपके पास ही के क्षेत्र के लोग मदद प्राप्त करने के लिए भेज देता हूँ. दोस्तों, यह भारत देश हमारा है और साबित कर दो कि-हमने भारत देश की ऐसी धरती पर जन्म लिया है. जहाँ "इंसानियत" से बढ़कर कोई "धर्म" नहीं है और देश की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नहीं हैं. क्या हम ब्लोगिंग करने के बहाने द्वेष भावना को नहीं बढ़ा रहे हैं? क्यों नहीं आप सभी व्यक्ति अपने किसी ब्लॉगर मित्र की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हैं और किसी को आपकी कोई जरूरत (किसी मोड़ पर) तो नहीं है? कहाँ गुम या खोती जा रही हैं हमारी नैतिकता?
मेरे बारे में एक वेबसाइट को अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान भेजने के बाद यह कहना है कि- आप अपने पिछले जन्म में एक थिएटर कलाकार थे. आप कला के लिए जुनून अपने विचारों में स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. यह पता नहीं कितना सच है, मगर अंजाने में हुई किसी प्रकार की गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ. अब देखते हैं मुझे मेरी गलती का कितने व्यक्ति अहसास करते हैं और मुझे "क्षमादान" देते हैं.
आपका अपना नाचीज़ दोस्त रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
यह आलेख बहुत महत्वपूर्ण है....इस महत्वपूर्ण प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी,मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे.ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ. आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
जवाब देंहटाएंअगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?