उच्च संवेधानिक पदों पे शर्मनाक बेशर्म भ्रष्टाचारियों के बैठे होने से तथा पूरे देश में इनके कुकर्मी पार्टनर उद्योगपतियों के लूट और अराजकता से इस देश की स्थिति ऐसी हो गयी है जहाँ सत्य बोलना,न्याय की आशा रखना व ईमानदारी से कर्म करना प्रहलाद की भक्ति की तरह हो गया है जिसे हर सत्य के लिए दंड दिया जाता था और जिसके दुखों का अंत भगवान श्री हरी विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर हिरन्यकश्यप का वध कर किया था |
आज जो व्यक्ति मायावती,मनमोहन सिंह,सोनिया गाँधी,राहुल गाँधी,शरद पवार,प्रणव मुखर्जी जैसों बेईमानो की हत्या करने की नहीं सोचता वो मन ही मन दलित विरोधी ,सवर्ण विरोधी,गरीब विरोधी,समाज विरोधी,देश का गद्दार तथा इंसानियत का दुश्मन मानता है अपने आपको ....क्योकि इन कुकर्मियों का जिन्दा रहना पूरी इंसानियत के लिए ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि खतरनाक भी है....आज बेईमानों की जय नहीं बल्कि इन साले असंतुलित बेईमानो व धनपशुओं का सर धर से अलग कर देने की जरूरत है और ऐसा करने की शपथ अब इस देश की जनता को लेना ही होगा...कुकर्मियों,गद्दारों व लूटेरों से देश व समाज को बचाना ही धर्मसंगत और एक सच्चे इंसान का कर्तव्य है. जिसकी व्याख्या संविधान में भी है और कानून भी इसकी इजाजत देता है की जब कुकर्मी और भ्रष्टाचारी से अपनी रक्षा करने का कोई उपाय ना हो तो उसकी हत्या करना कानून संगत है ..जब भ्रष्ट जजों पे दवाब होगा तबजाकर सत्य व न्याय की असल परिभाषा लिखी जाएगी अभी तो सत्य व न्याय को भ्रष्ट अरबपति वकीलों व जजों के गठजोड़ से बेचा व ख़रीदा जाता है बस ,यही कारण है की 64 वर्षों के आजाद भारत में एक भी भ्रष्ट मंत्री,सांसद ,विधायक ,जज या अधिकारी को आजीवन कारावास या फांसी की ना तो सजा हुयी है और ना ही इनके काले धन को जप्त कर देश के जरूरत मंदों में बांटा गया है...अब हमें अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने भेजने के वजाय इन भ्रष्ट और कुकर्मी नेताओं की तस्वीर दिखाकर यह बताना और सिखाना होगा की ये सब साले पूरी मानवता के दुश्मन हैं और इनको और इनके खानदान को किसी तरह ख़त्म करना ही तुम्हारे जीवन का लक्ष्य है....वैसे भी इन साले भ्रष्टाचारियों और इनके कुकर्मी उद्योगपतियों ने अब स्कूलों को भी वेश्यालय व ऐय्यासी का अड्डा बना दिया है जहाँ चारित्रिक शिक्षा का तो नामों निशान ही नहीं बल्कि ज्यादातर स्कूल दुकान बन चुके हैं...शिक्षा की निति को इन लोगों ने ऐसा बर्बाद किया है की छात्र पढने के लिए चोरी,पॉकेटमारी व होटलों में काम करने को मजबूर हैं तो छात्रायें देह बेचने को मजबूर हैं और शिक्षक भडुओं का रोल निभा रहें हैं अपनी नौकरी बचाने तथा पेट पालने के लिए...
निश्चय ही हमारे इस विचार को कुछ लोग हिंसात्मक तथा उग्र विचारों वाला कह सकते हैं लेकिन उनसे मेरी प्रार्थना है की वो अपने आस-पास के किसी सरकारी कार्यालय,अदालत,जिलापदाधिकारी के कार्यालय में जाकर लोगों को अपने अधिकारों के लिए रोज मरते हुए देखें तथा देश में बेतहासा महंगाई व शरद पवार तथा मुकेश अम्बानी जैसों के दौलत में बेतहासा वृद्धि की विवेचना करें जिससे रोज ना जाने कितने लोग मौत को गले लगाते हैं जिसे हमारे देश की पूंजीपतियों की दुकान बन चुकी मिडिया उजागर भी नहीं करती के बारे में एक बार जरूर सोचें...
हालाँकि मैं ऐसे मुद्दों को तथा सत्य,न्याय व ईमानदारी के रास्ते पे चलने वालों को हर हाल में सुरक्षा,सहायता तथा सहयोग के लिए एक IAC-Blog media investigation and social audit wing नाम से एक केंद्र की स्थापना के लिए कई ब्लोगरों के साथ आर्थिक सहयोग तथा इसकी कार्यप्रणाली के संचालन के मुद्दों पर विचार विमर्श कर रहा हूँ ..जिससे ताकतवर कुकर्मियों से सच्चे इंसान की यथा संभव सुरक्षा की जाय | आज हर इंसान के अन्दर असुरों के संघार की शक्ति का सदुपयोग कर भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा अधिकारियों के आसुरी गतिविधयों से सख्ती से निपटने की जरूरत है दूसरा कोई उपाय नहीं है इस देश व समाज में शक्ति के संतुलन की तथा खुद को सुरक्षित करने की ...
IAC-Blog media investigation and social audit wing में सत्य, न्याय व ईमानदारी के रास्ते पर चलने वाले मेरे जैसे नाचीज़ भिखारियों को भी शामिल किया जायेगा. जिनके पास भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ने के लिए सिर्फ दो पैसे की कलम के साथ दो सूखी हुई हडियों में एक छोटा दिल है. आपका लेख बहुत उपयोगी है, मगर ऐसे लेखों को लोग पढ़ते नहीं हैं और फिर कहते हैं हमारा शोषण हो रहा है, पहले ऐसे लेख को दूर-दूर से नमस्ते करते हैं. फिर शोषण होने पर हाथ-पैर जोड़ते है या रिश्वत देकर कम करवाते हैं.
जवाब देंहटाएंपति द्वारा क्रूरता की धारा 498A में संशोधन हेतु सुझावअपने अनुभवों से तैयार पति के नातेदारों द्वारा क्रूरता के विषय में दंड संबंधी भा.दं.संहिता की धारा 498A में संशोधन हेतु सुझाव विधि आयोग में भेज रहा हूँ.जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के दुरुपयोग और उसे रोके जाने और प्रभावी बनाए जाने के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. अगर आपने भी अपने आस-पास देखा हो या आप या आपने अपने किसी रिश्तेदार को महिलाओं के हितों में बनाये कानूनों के दुरूपयोग पर परेशान देखकर कोई मन में इन कानून लेकर बदलाव हेतु कोई सुझाव आया हो तब आप भी बताये.
@रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
जवाब देंहटाएंआप जैसे लोगों द्वारा ही ये केंद्र संचालित होगा जिसके पास सिर्फ जुनून होगा उच्च संवेधानिक पदों पे बैठे शर्मनाक भ्रष्टाचारी व्यक्तियों को जड़ समेत ख़त्म करना तथा सत्य,न्याय व ईमानदारी की हर हल में रक्षा करना जैसे देश के इमानदार सेना के जवान करते हैं...IAC-Blog media investigation and social audit wing इस केंद्र की स्थापना होते ही आपसे संपर्क करूंगा मैं...
आपके ब्लॉग पर आ के मुझे आत्मिक संतुष्टि मिलती है.
जवाब देंहटाएंलेकिन एक बात कहूंगी जो मेरे आदरणीय पतिदेव कहते रहते हैं कि-
जो भी सत्तासीन होगा भले वो देवता हो, चलेगा तो संविधान के अनुसार ही न ,रेंग रेंग कर सुरंग में .सारी कमियां तो उसी में हैं.
हमें सबसे पहले अपने संविधान को दुरुस्त करना चाहिए
krantikari vihcar
जवाब देंहटाएंलीगल सैल से मिले वकील की मैंने अपनी शिकायत उच्चस्तर के अधिकारीयों के पास भेज तो दी हैं. अब बस देखना हैं कि-वो खुद कितने बड़े ईमानदार है और अब मेरी शिकायत उनकी ईमानदारी पर ही एक प्रश्नचिन्ह है
जवाब देंहटाएंमैंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर श्री बी.के. गुप्ता जी को एक पत्र कल ही लिखकर भेजा है कि-दोषी को सजा हो और निर्दोष शोषित न हो. दिल्ली पुलिस विभाग में फैली अव्यवस्था मैं सुधार करें
कदम-कदम पर भ्रष्टाचार ने अब मेरी जीने की इच्छा खत्म कर दी है.. माननीय राष्ट्रपति जी मुझे इच्छा मृत्यु प्रदान करके कृतार्थ करें मैंने जो भी कदम उठाया है. वो सब मज़बूरी मैं लिया गया निर्णय है. हो सकता कुछ लोगों को यह पसंद न आये लेकिन जिस पर बीत रही होती हैं उसको ही पता होता है कि किस पीड़ा से गुजर रहा है.
मेरी पत्नी और सुसराल वालों ने महिलाओं के हितों के लिए बनाये कानूनों का दुरपयोग करते हुए मेरे ऊपर फर्जी केस दर्ज करवा दिए..मैंने पत्नी की जो मानसिक यातनाएं भुगती हैं थोड़ी बहुत पूंजी अपने कार्यों के माध्यम जमा की थी.सभी कार्य बंद होने के, बिमारियों की दवाइयों में और केसों की भागदौड़ में खर्च होने के कारण आज स्थिति यह है कि-पत्रकार हूँ इसलिए भीख भी नहीं मांग सकता हूँ और अपना ज़मीर व ईमान बेच नहीं सकता हूँ.
बहुत ही बढ़िया,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
!!अवलोकन हेतु यहाँ प्रतिदिन पधारे!!
बेहतरीन प्रस्तुति। वंदेमातरम...
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