आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

संवैधानिक बेशर्मी और बेहयापन का अंत कैसे ?

मेरे प्यारे देशवासियों , 
देश की सभी जाँच एजेंसियां ,संवैधानिक संस्थाएं,यहाँ तक की देश के प्रधानमंत्री और देश के सुरक्षा सलाहकार भी अपने कर्तव्निष्ठता के साथ आपराधिक लापरवाही बरत रहें हैं ,चारो तरफ #अराजकता_लूट_शर्मनाकभ्र्ष्टाचार_देशकेनागरिकोंकोठगना_धोखा देना और कोई सच्चा नागरिक  आवाज उठाये तो उसे पूरी सरकारी ताकत से दबा देना यही अब भारत सरकार का #कर्म_कुकर्म बन गया है,#गद्दार_लुटेरे वो भी बरे_बरे सत्ता में बैठे लोगों के सहयोगी नहीं बल्कि साझेदार हैं ? ऐसे में सवाल उठता है की देश की व्यवस्था कैसे ठीक होगी एक तरफ सच्चे नागरिकों के पास #ईमानदारी_नैतिकता का 15000 से 50000 है तो दूसरी और #गद्दार_लुटेरों के पास 15000 करोड़ से 500000 करोड़ की लूट की दौलत जिससे वो हर #सच्चेनागरिक की आवाज को कभी भी किसी प्रकार से दबा सकते हैं ,ऐसे में गंभीर सवाल की भारत सरकार सिर्फ #गद्दार_लुटेरों की सुरक्षा के लिए है या #सच्चे_सद्चरित्र_देशभक्त_नैतिक नागरिकों की रक्षा के लिए ये कौन तय करेगा और कैसे तय होगा ? पूरे देश की मीडिया आवारा पूंजी के मदारी के डोर पे नाच रहा है जो पत्रकार #सत्य_नैतिकता_न्याय के लिए काम कर रहे हैं उनको किसी भी प्रकार की ना तो सरकारी सहायता मिलती है और ना ही सुरक्षा जो #गद्दार_लुटेरों के इशारे पे प्रोपेगेंडा फैलाते हैं उनको हर तरह की सुख सुविधा मिली हुयी है ? #सच्चाई_अच्छाई के मार्ग पर चलकर जीना आज मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है ......

अतः हमने फैसला किया है की ---------- हम लोग मिलकर #भारत_सरकार और #सर्वोच्च_न्यायालय से मांग करें की जो भी सच्चा नागरिक शिक्षित है और जिसकी उम्र 40 वर्ष से अधिक और 70 वर्ष से कम है और उसका जीवन बेदाग है उसे पूरे देश में #भ्र्ष्ट_उद्योगपतियों_सांसदों_मंत्रियों_विधायकों तथा भ्र्ष्ट अफसरों की खुपिया जाँच का अधिकार मिले ,सत्ता में बैठे यहाँ तक की देश के #PMOINDIA में बैठे लोगों के #गद्दार_लुटेरों के साथ #सांठ_गांठ का पता लगाने का भी अधिकार मिले साथ ही ऐसे लोगों को विशेष नागरिक का दर्जा देकर उनको सरकारी आर्थिक सहायता मिले जिससे उनकी #ईमानदारी_नैतिकता_कर्तव्यनिष्ठता आर्थिक अभाव में किसी के हाथ की कठपुतली ना बने और वो #देशहित_समाजहित में देश के लुटेरे गद्दारों को सलाखों के पीछे भेजने में एक अहम् रोल अदा कर सके ,ऐसे विशेष नागरिकों को देश के किसी भी #गांव_शहर में जाकर सरकारी योजनाओं में चल रही धांधली,असामाजिक तत्वों पे कार्यवाही में आपराधिक लापरवाही,महिलाओं के प्रति संगठित अपराध,#ठगी_धोखाधड़ी,रात में भ्र्ष्ट पुलिस अधिकारीयों के #सांठ_गांठ से होने वाले जघन्य अपराध की जाँच का अधिकार हो वो अपनी रिपोर्ट हर तीन महीने पे देश के #प्रधानमंत्री_सर्वोच्चन्यायालय_के_मुख्य_न्यायाधीश और देश के राष्ट्रपति को भेजने के लिए बाध्य होंगें जिसपर एक साल में #तर्कसंगत_न्यायसंगत कार्यवाही करना हर सरकार की बाध्यता होगी क्योकि रिपोर्ट सामाजिक जाँच और नागरिकों से #बात_चीत के आधार पर इकठ्ठा किये गए सबूतों के आधार पर होगा ,जो विशेष नागरिक दुर्भावना,पूर्वाग्रह,नीजि स्वार्थ के आधार पर झूठी रिपोर्ट बनाएंगे उनकी जाँच अधिकारी की पात्रता समाप्त होगी और उनके ऊपर भी कार्यवाही का प्रावधान होगा।  

मेरी हार्दिक इक्षा है की हर #सच्चा_सद्चरित्र नागरिक सरकारी खर्चे पे देश की कुव्यवस्था को मिटाने में निर्धारित समय सीमा में कुछ ऐसा करे की व्यवस्था #सत्य_न्याय_कर्तव्यनिष्ठता के आधार पर चलने लगे जो काम सरकारी कर्मचारियों का है उस काम के लिए देश के नागरिकों को अदालत के चक्कर ना काटना परे।  आप लोगों की क्या राय है इस सोच को कैसे मूर्त रूप दिया जा सकता है और भी बेहतर तरीके से, आपसे निवेदन है ---अपना बहुमूल्य राय जरूर लिखे ...........

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