आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

रविवार, 4 फ़रवरी 2018

आपका जवाब महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश और समाज के हालात को सुधारने में मददगार होगा।

प्यारे देशवासियो,

हमने एक परिचर्चा का आयोजन किया है जिसमें आपको केवल तीन सवालों के जवाब सिर्फ तीन-तीन सौ शब्दों में देने का आग्रह है। ये तीनो सवाल इस लिंक पर हैं। आपका जवाब महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश और समाज के हालात को सुधारने में मददगार होगा। 

1. उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के पास हर सबूत_गवाह को मिटाने की क्षमता होती है । इसलिए,अगर उन पर हत्या,बलात्कार,लूट या गद्दारी का आरोप लगे तो सरकारी टीवी चैनल पर उनकी ब्रेनमैपिंग/लाइ डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए या नहीं ? 

2. ऐसी कौन सी व्यवस्था हो जिससे कोई भी पार्टी संवैधानिक लूट (जैसा कि विदेशी डील में होता है जिसमें हज़ारों करोड़ रूपए की दलाली दी जाती है) प्रमाणित होने पर सज़ा से बच न सके ?

3. हर पार्टी के नेता उद्योगपतियों के जरिये देश,समाज को लूटते हैं उनको अनैतिक फायदा पहुंचाकर और सरकारी उद्योग-धंधों को बंद कर अपने सत्ता में बने रहने और सामान्य, सच्चे नागरिकों को सत्ता से दूर रखने की आवारा पूंजी वाली व्यवस्था करते हैं। यही व्यवस्था देश की जनता को लूटती है और भ्र्ष्ट नेता/सांसद/विधायक को मालामाल करती है। आख़िर, यह व्यवस्था कैसे ख़त्म हो ताकि कोई भी सांसद या पार्टी भविष्य में ऐसा न कर पाये ?

इस परिचर्चा में भाग लेने वाले चार सर्वोत्तम जवाबों को ढाई-ढाई हज़ार रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा और इंटरनेट पर उन्हें समुचित कवरेज़ भी दिलाया जाएगा।

4 टिप्‍पणियां:

  1. 1. टीवी चैनल चाहे सरकारी हों या निजी, भृष्ट शासक सभी को खरीद कर रखते हैं. देश के सभी रोगों की चिकित्सा देश में सच्चा लोकतंत्र स्थापित करना है जिसके अंतर्गत चुनाव जीतने के लिए डाली गयी वोटों में से 50 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त होनी चाहिए. यही लोकतंत्र का मूल मन्त्र है.
    २. डील चाहे विदेशी हो या स्वदेशी, सभी को जनता से सामने रखा जाना चाहिए. इससे यदि डील में दलाली ली गयी है तो उसे सरलता से पकड़ा जा सकेगा.
    ३. इसके लिए चुनाव खर्च न्यूनतम कर दिया जाना चाहिए जिससे कि कोई भी व्यक्ति चुनाव में खड़ा हो सके.

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  2. बहुत अच्छा प्रयास आपका यह सराहनीय कार्य है इस विषय पर मेरे द्वारा किए गए कार्यों पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन आज के समय में पढ़ने वाले व्यक्ति है नहीं, इसलिए संक्षिप्त में बताता हूं जब कोई सामान्य व्यक्ति कोई भी जुर्म करता है तो उसके ऊपर नियम कानून अनुसार कार्यवाही की जाती है दूसरी तरफ जब कोई सरकारी अधिकारी या निर्वाचित प्रतिनिधि संतरी से लेकर मंत्री तक सरकारी कार्य करने की शपथ लेकर कोई जुर्म करता है तो वह अपनी सरकारी ताकत प्रभाव का इस्तेमाल करके उस जुर्म से सामान्य व्यक्ति के मुकाबले आसानी से बच सकता है इसलिए उसके ऊपर विशेष तौर से नियम कानून बनाए जाने चाहिए और एक निश्चित समयावधि में मुकदमे का फैसला होने का नियम अत्यंत जरूरी है दूसरा संतरी से लेकर मंत्री तक की कहीं पर कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही तय नहीं है जिस दिन यह तय हो गई उस दिन भ्रष्टाचार सहित दूसरी अनियमितताओं में कमी यानी आरंभ हो जाएगी और संतरी से लेकर मंत्री तक के खिलाफ कार्रवाई आसानी से हो सकती है इस पर मैंने कार्य पत्राचार किया है लेकिन यह इतना आसान नहीं है अपने गले में कोई भी घंटी नहीं बांधता इस संबंध में मेरा फोन नंबर 913 623 5051 पर और अधिक बात की जा सकती है धन्यवाद हरपाल सिंह राणा कादीपुर दिल्ली

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  3. बहुत सही कहा हरपाल भाई आपने ,आपके कार्य से मैं वाकिफ हूँ ,देश में अगर किसी पार्टी की सरकार आये और आप जैसे जागरूक नागरिक को जनप्रतिनिधियों के अपराधों पर लाइव पूछ ताछ सरकारी टीवी पे करने का ऐंकर बना दे तो सत्य आधारित तथ्य पर सर्वोच्च संवैधानिक पदों पे बैठे अपराधियों को भी देश द्वारा सजा सुनाया जा सकेगा ,मैं आपसे वादा करता हूँ की अगर हमारी लोक गठबंधन पार्टी https://www.facebook.com/LGPlko/ की सरकार बनी तो हम आपसे इस सम्बन्ध में विचार जरूर करेंगे ,आप जैसे जागरूक नागरिक इस देश की रीढ़ हैं।

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