आज कितना बदल गया है इंसान...?

गणतंत्र को बचाना है तो भ्रष्ट मंत्रियों को जनयुद्ध के जरिये सरे आम फांसी देनी होगी......

बुधवार, 19 जनवरी 2011

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध ही अब इस गणतंत्र को बचा सकता है.........जनयुद्ध के शंखनाद का हिस्सा बनिये 30 जनवरी 2011 को रामलीला मैदान दिल्ली आइये ....

भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की दिल्ली के चेतनालय में रूप रेखा तैयार करते लोग...
दिल्ली विश्वविध्यालय में 18 जनवरी 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में शामिल होने के लिए छात्र और छात्राओं का आह्वान करते अरविन्द केजरीवाल जी....


भारत जैसे गणतंत्र में आज भ्रष्टाचार बिना किसी जोखिम वाला सबसे ज्यादा फायदा देने वाला धंधा बन चुका है.....ह़र किसी को पता है हजारों करोड़ का घोटाला करों कुछ नहीं होगा.....कोई सजा नहीं होगी बल्कि कई सांसदों को राज्य सभा में जगह दिलाने क़ी व्यवस्था हो जाएगी.....चार करोड़ में IAS ,IPS की नौकरी को खरीद कर अपने बेबकूफ बच्चों को भी IAS तथा IPS बनाने का जुगाड़ हो जायेगा.....


लेकिन इन सबसे अगर कोई सबसे ज्यादा पभावित और पीड़ित है तो वो है ह़र क्षेत्र में कार्यरत इमानदार अधिकारी,कर्मचारी और आम नागरिक जिसका जमीर जिन्दा है.....ऐसे लोग हर क्षेत्र में हैं और इनलोगों ने ही अब भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध की तैयारी शुरू कर दी है जिससे लगता है की अब इस देश के सभी भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा अधिकारियों को ना सिर्फ सजा मिलेगी बल्कि इनको अपने पद तथा काली कमाई से बनायीं गयी संपत्ति से भी हाथ धोना परेगा.....


आप सबको बता दूँ की जनता द्वारा अगर जनयुद्ध होता है तो भ्रष्ट से भ्रष्ट लोग भी सुधर जाते हैं......होँगकोँग 1970 के  दशक तक आज के भ्रष्टाचार के भारत से भी बदतर अवस्था में था जिसके खिलाप तंग आकर वहां के लोग सड़कों पर उतर आये और वहां (ICAC ) Independent Commission Against Corruption नामक स्वतंत्र संस्था का गठन हुआ और  एक साथ 180 में से 119 पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया जिससे पूरी नौकरशाही में सन्देश गया की अब भ्रष्टाचार नहीं चलने वाला | नतीजा ये है की हांगकांग आज लगभग भ्रष्टाचार मुक्त देश है और ICAC पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है....| इस लिंक पर जाकर इस संस्था के बारे में जाना जा सकता है-http://www.icac.org.hk/en/about_icac/os/index.html


इस देश में भी भ्रष्टाचार के खिलाप एक जनयुद्ध की तैयारी किरण बेदी,जस्टिस संतोष हेगड़े,प्रशांत भूषन,जे.एम .लिंगदोह,स्वामी अग्निवेश,अन्ना हजारे,आर्चविशप विन्सेंट एम. कोंसेसाओ तथा अरविन्द केजरीवाल जैसे लोगों ने इस देश में पारदर्शिता को लाने तथा भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए संघर्षरत जितनी भी संस्था या लोग हैं को साथ लेकर करने का निर्णय लिया है तथा इस देश में UPA सरकार के द्वारा लाया जा रहा लोकपाल बिल नहीं बल्कि जन-लोकपाल बिल लाने जिसमे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पदों पर बैठे व्यक्ति की भी जाँच हो सके तथा अपराधी पाये जाने पर आजीवन कारावास के साथ-साथ उनकी सारी संपत्ति भी जप्त की जा सके की व्यवस्था पारदर्शी तरीके से हो की समुचित व्यवस्था होगी के लिए पूरे देश को एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया है |


इसलिए आप सबसे आग्रह है की इस देशव्यापी भ्रष्टाचार के खिलाप जनयुद्ध में तन,मन और धन से ना सिर्फ सहयोग करें बल्कि 30 जनवरी 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर इस अभियान को अपना अभियान समझें तथा इस जनयुद्ध को इतना प्रभावी बनाये की भ्रष्ट लोगों से भरी सरकार भी भ्रष्टाचारियों के खिलाप ना सिर्फ कार्यवाही करे बल्कि उनकी संपत्ति को जप्त कर जरूरतमंद लोगों में बाँट दे | याद रखिये इस देश की जनता जिसदिन एक स्वर में इन भ्रष्टाचारियों के खिलाप आवाज उठाएगी उसी दिन से इस देश में भ्रष्टाचारियों को इस देश और समाज के साथ गद्दारी को छोड़कर जनसेवा में लगना होगा या ये देश छोड़ना होगा |


आप सबसे यह भी निवेदन है की यह किसी राजनितिक पार्टी का अभियान नहीं है जो भ्रष्ट लोग इसके लिए धन की व्यवस्था करेंगे | अतः इसमें होने वाली सारी व्यवस्था की निगरानी तथा खर्च को भी हमसबको स्वेच्क्षा भरे जन सहयोग से ही उठाना होगा .....आपका धन से सहयोग उतना महत्व नहीं रखता जितना आपका इसमें मन से शामिल होना ...यह अलग बात है की हर ईमानदारी भरे काम के लिए एक निश्चित धन की भी आवश्यकता होती है और इसी मजबूरी की वजह से धन के सहयोग का निवेदन है...अतः जो लोग इसमें धन के रूप में योगदान देना चाहते है वो निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर अपना सहयोग कहाँ और कैसे दें के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं...

यह नंबर हैं-
09968701659 ------------------------स्वाति
09911483629 ------------------------हृषिकेश कुमार
09971900424 ------------------------शिवेंद्र सिंह
09810752301 -------------------------जय कुमार झा
09868069953 --------------------------अरविन्द केजरीवाल जी 

इसके अलावे आपसभी 24 जनवरी 2011 को दिल्ली के गोल डाकखाने के पास भाई बीर सिंह मार्ग पर स्थित चेतनालय में शाम 6 बजे उपस्थित होकर अपने सुझाव,सलाह और सहयोग देने के लिए सादर आमंत्रित हैं..........ह़र भारतीय नागरिक का ये अभियान और जनयुद्ध है.......हमसब इस युद्ध में एक दूसरे के सहयोगी हैं.....

22 टिप्‍पणियां:

  1. अब बस यही रास्ता बचा है. अपने अपने स्तर से सभी सभ्य जनों को प्रयास करने होंगे.
    -
    जयकुमार जी,
    मैं पिछले कुछ दिनों से कलकत्ता के कुछ युवाओं के संपर्क में हूँ. जल्द ही अपनी कार्ययोजना आप तक पहुंचाऊंगा.
    ३० को आपसे मुलाक़ात होगी. धन्यवाद!!

    जवाब देंहटाएं
  2. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुलभ जी.....आप जैसे लोगों की ही तो जरूरत है इस जनयुद्ध को.....

    जवाब देंहटाएं
  3. आपको शुभकामनायें, आपका अबीयान सफल होना आवश्यक है, देश के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. धन्यवाद प्रवीन जी
    आप जैसे लोगों की शुभकामनायें और सोच इस देश और समाज का जरूर कल्याण करेगा.....

    जवाब देंहटाएं
  5. aaj ek aise aandolan ki jaruri hai meri sahyog hai ..prem chandra gupta RAXAUL 845305

    जवाब देंहटाएं
  6. यदि इस आवाहन को सच्ची लगन व् ईमानदारी से संचालित किया जाय, तो कोई ऐसी वजह नही है, कि जन साधारण इस आवाहन में तन, मन व् धन के अलावा उस जूनून से कर्मठ होगा जिसके फल स्वरूप भ्रष्टता का स्वरूप जड़ से ही मिट जाएगा I हर एक व्यक्ति को विश्वास में रखना होगा I वित्तीय पारदशिता अत आवशयक है Iहर प्रकार के प्रहार से बचना होगा Iअहिंसा व् द्रढ़ता से कार्य सफल होने में कोई शक नहीं है I जन समूह इस कैंसर से उकतागयें हैंI महत्वपूर्ण कार्य में भगवान हम सभी की मदद अवश्य करेंगें I हम होंगे कामयाब एक दिन I

    जवाब देंहटाएं
  7. @SQUADRON LEADER(RETD)SM DUBEY जी

    हमलोग इसमें बेहद ईमानदारी, पारदर्शिता और समर्पण के साथ भाग ले रहें हैं और लोगों का आह्वान भी कर रहें हैं की वे भी इसी भावना से इन जनयुद्ध से जुरें .......आप जैसे लोग भी इस जनयुद्ध को समर्थन दे रहें हैं तो निश्चय हो ये इस देश और समाज के लिए शुभ संकेत है.....आपका धन्यवाद......इसमें शामिल जरूर होइए तथा इसमें तन-मन-धन से सहयोग भी कीजिये.....
    @प्रेम
    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद .....आप जैसे लोग ही इस जनयुद्ध के असल सैनिक हैं....

    जवाब देंहटाएं
  8. yes,of course ,this is a pious work for all indian human ,and good starting ,really time has come to fight this cancer for removing soon with cooperation of all wisdom and honest peoples of india ,thanks to do it .

    जवाब देंहटाएं
  9. एक सराहनीय प्रयास है. ईश्वर इसे सफल करें. मेरा यथायोचित सहयोग रहेगा.

    जवाब देंहटाएं
  10. झा साहब बहुत ही अच्छा ब्लॉग है आपका, देश के आम जन के कल्याण के लिए आपके हृदय की तड़फ दर्शाती है कि जरूर आपके रूप में युगपुरुष चंद्रशेखेर आजाद का पुनर्जन्म हुआ है! ये हमारा सौभाग्य है कि हमको भी आपके सानिध्य में सीखने और देश हित के लिए मर मिटने की प्रेरणा मिलाती है!

    जवाब देंहटाएं
  11. @ प्रकाश जी
    धन्यवाद आपका ये आपसबका अभियान है....
    @सुरेश जी
    आप जैसे लोगों का प्रयास काबिले तारीफ है काश आप जैसे लोगों को सरकार कुछ साधन और संसाधन मुहैया कराती तथा सहयोग करती तो बेहतर परिणाम हो सकता था.....लेकिन खैर अब हमसबको मिलकर कुछ करना ही होगा.....इस जनयुद्ध में आप जैसे योद्धाओं की सख्त जरूरत है......
    @धरमवीर जी
    आपका धन्यवाद मेरे बारे में प्रेरक शब्द इस्तेमाल करने के लिए.......लेकिन मैं अपने प्रयास को सफल मानता हूँ तब जब कोई व्यक्ति मेरे जैसा ही प्रयास कर कुछ और लोगों को ईमानदारी,सत्य और न्याय की राह पर चलने को प्रेरित करता है.....आशा है आप इस उम्मीद में खरे उतरेंगे......आप इस जनयुद्ध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का भी प्रयास कीजिये....

    जवाब देंहटाएं
  12. एक सराहनीय प्रयास है. ईश्वर इसे सफल करें. मेरा यथायोचित सहयोग रहेगा !

    जवाब देंहटाएं
  13. @जाकिर जी
    धन्यवाद आपका....
    @arganikbhagyoday
    आपका भी धन्यवाद...
    @राम बंसल जी
    आप जैसे योद्धा तो सही मायने में इस जनयुद्ध के नायक हैं....आप ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ इस जनयुद्ध में भाग लीजिये तथा अपने आस-पास के गांवों में भी इस तरह के जनयुद्ध की शुरुआत करने का प्रयास कीजिये.....

    जवाब देंहटाएं
  14. झा साहब मैं भी इस लड़ाई में आप लोगों के साथ हूं

    जवाब देंहटाएं
  15. झा जी, आप एवं आपके संघठन के इस प्रयाश को बहुत बहुत शुभकामनाये, प्रगतिवादी कवी नागार्जुन के शब्दों ("उनको प्रणाम!"} में प्रणाम स्वीकार करे..


    जो नहीं हो सके पूर्ण-काम
    मैं उनको करता हूँ प्रणाम।

    कुछ कंठित औ' कुछ लक्ष्य-भ्रष्ट
    जिनके अभिमंत्रित तीर हुए;
    रण की समाप्ति के पहले ही
    जो वीर रिक्त तूणीर हुए!
    उनको प्रणाम!

    जो छोटी-सी नैया लेकर
    उतरे करने को उदधि-पार,
    मन की मन में ही रही, स्वयं
    हो गए उसी में निराकार!
    उनको प्रणाम!

    जो उच्च शिखर की ओर बढ़े
    रह-रह नव-नव उत्साह भरे,
    पर कुछ ने ले ली हिम-समाधि
    कुछ असफल ही नीचे उतरे!
    उनको प्रणाम

    एकाकी और अकिंचन हो
    जो भू-परिक्रमा को निकले,
    हो गए पंगु, प्रति-पद जिनके
    इतने अदृष्ट के दाव चले!
    उनको प्रणाम

    कृत-कृत नहीं जो हो पाए,
    प्रत्युत फाँसी पर गए झूल
    कुछ ही दिन बीते हैं, फिर भी
    यह दुनिया जिनको गई भूल!
    उनको प्रणाम!

    थी उम्र साधना, पर जिनका
    जीवन नाटक दु:खांत हुआ,
    या जन्म-काल में सिंह लग्न
    पर कुसमय ही देहाँत हुआ!
    उनको प्रणाम

    दृढ़ व्रत औ' दुर्दम साहस के
    जो उदाहरण थे मूर्ति-मंत?
    पर निरवधि बंदी जीवन ने
    जिनकी धुन का कर दिया अंत!
    उनको प्रणाम!

    जिनकी सेवाएँ अतुलनीय
    पर विज्ञापन से रहे दूर
    प्रतिकूल परिस्थिति ने जिनके
    कर दिए मनोरथ चूर-चूर!
    उनको प्रणाम!
    .....हम अंतरात्मा से आपके साथ है, लगा दो आग दुनिया में भ्रस्ताचार का रावन खाक हो जाये..
    आपका, साथी..

    जवाब देंहटाएं
  16. bharat ke swarnim vikas ke liye jaroori ahi acche soc aur creative mind ki. aur hamarae pass ye hai bhi hamari rastrahitkari bhavnao ke prati goverenment chintit nahi hai.
    ye rastr suraksha ke saath bharat ke bhavishya ka bhi swaal ahi agar in gatividhio k o roka nahi gaya to kahi phir se hamara rastra kamjoor nahi ho jaye .

    ek I A S jo rastra ka har star par pratinidhitav karta hai uska murder kiya jana bahut ghatiya kaam hai .
    aur rastra ko dikhane ki koshis ki gayi hai ki bhrast log kuch bhi kar sakte hai

    जवाब देंहटाएं
  17. we have need a good legal and lawful factor for prevent the corruption.;

    as our " constitution" is biggest constitution in the world.
    I hope there will be some efforts in our constitution for this issue we should go through there .

    जवाब देंहटाएं
  18. Voices must be raised in a way that appeal to people as well as state.

    जवाब देंहटाएं
  19. प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय प्रयास । इस जानकारी मात्र से ह्रदय हर्षित है । ऐसे सद्प्रयासों से सफलता अवश्य मिलेगी । ये निश्चित है।

    जवाब देंहटाएं